आया था मजदूरी करने पर कर लिया पड़ोसी के बच्चों का अपहरण, ऐसे पुलिस ने पकड़ा
पुलिस ने बताया कि 5 दिसंबर को खिजराबाद से तीन बच्चों के लापता होने की सूचना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना पुलिस को दी गई थी। इसके बाद से पुलिस बच्चों की तलाश में जुटी थी।
दक्षिणी दिल्ली, जेएनएन। खिजराबाद से लापता हुए जुड़वा भाई-बहन सहित तीन बच्चों को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस ने पंजाब के लुधियाना से बरामद कर लिया है। बच्चों को अपहृत करने वाले आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान मधुबनी, बिहार के रहने वाले गणेश महतो के रूप में हुई है। वह खिजराबाद में बच्चों के पड़ोस में रहता था। अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि वह बच्चों को बेचना चाहता था। हालांकि, बच्चों के अपहरण करने की सही वजह जानने के लिए पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
पांच दिसंबर को तीन बच्चे हुए थे लापता
पुलिस ने बताया कि 5 दिसंबर को खिजराबाद से तीन बच्चों के लापता होने की सूचना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना पुलिस को दी गई थी। सूचना देने वाले विकास ने बताया था कि उसके जुड़वा भाई-बहन के साथ मौसी का बेटा तीन दिसंबर की शाम से लापता हैं। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी की जांच शुरू की तब एक व्यक्ति तीनों बच्चों को ले जाते हुए उसमें दिखा।
पंजाब में छापा मारने पर मिली सफलता
उसकी पहचान बच्चों के पड़ोस में रहने वाले गणेश महतो के रूप में हुई। जानकारी मिलते ही पुलिस ने रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर जांच की, लेकिन गणेश महतो और बच्चों का कुछ पता नहीं लग सका। सर्विलांस के जरिये जांच करने पर पुलिस टीम को पंजाब के लुधियाना भेजा गया। 11 दिसंबर को लुधियाना में इंदिरा कॉलोनी के विजय नगर क्षेत्र के स्लम एरिया में छापा मारकर पुलिस ने तीनों बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया और गणेश महतो को गिरफ्तार कर लिया।
टॉफी खाने आते थे बच्चे
पूछताछ में गणेश ने बताया कि वह अनपढ़ है और बिहार में मजदूरी करता था। उसके चार बच्चे हैं और परिवार बिहार में रहता था। पैसा कमाने के लिए वह जुलाई में दिल्ली आया था और खिजराबाद में रह रहा था। वह बच्चों के पड़ोस में रहता था और अक्सर बच्चों को चॉकलेट देता था। तीन दिसंबर को वह तीनों बच्चों को अपने साथ ले गया और 4 दिसंबर को ट्रेन से उन्हें पठानकोट लेकर पहुंचा।
बेचने की फिराक में था
दो दिन वह पठानकोट में रुका और इसके बाद वह लुधियाना पहुंच गया। यहां उसने रेलवे स्टेशन के पास छोटा सा कमरा किराये पर लिया और खुद को तीनों बच्चों का पिता बताया। लुधियाना में वह सब्जी मंडी में मजदूरी का काम करने लगा। उसने बताया कि बच्चों पर उसकी बुरी नजर थी। संभवत: वह बच्चों को बेचने की फिराक में था।