खतरनाक इमारतों से घिरी है पुरानी दिल्ली
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हर मानसून आने के साथ जो खौफ दिल में बैठ जाता है, कमोबे
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
हर मानसून आने के साथ जो खौफ दिल में बैठ जाता है, कमोबेश पुरानी दिल्ली वालों को वह खौफ इस बार भी है। हर वर्ष यहां मानसून थोड़ी देर की खुशियों के साथ जलभराव, जाम व कीचड़ के साथ तबाही का अंदेशा भी साथ लाता है। मंगलवार को ही ईदगाह के पास एक दीवार गिर गई थी। हालांकि, इस हादसे में किसी जानमाल की क्षति नहीं हुई।
चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, बल्लीमारान, कूचा नटवा, कूचा महाजनी व सदर बाजार समेत अन्य स्थानों में मौजूद सैकड़ों जर्जर खतरनाक मकान और हवेलियां बड़े हादसों को दावत दे रही हैं। इन पर हो रहे अवैध निर्माण खतरों को और बढ़ा देते हैं। कमजोर नींव पर खड़ी हो रही कई मंजिला इमारतें भरभरा कर कब गिर जाएं और कई जिंदगियों को लील ले, इसके बारे में कोई ठीक से नहीं बता सकता है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिटी-पहाड़गंज जोन में सर्वाधिक खतरनाक इमारतें हैं। मुगलकाल की बनी सैकड़ों हवेलियां और इमारतें जर्जर हालत में हैं। इनके गिरने का खतरा बराबर बना रहता है। हालांकि, नगर निगम की ओर से इन इमारतों का समय-समय पर सर्वे कर उन्हें चिन्हित किया जाता है। जर्जर होने पर मरम्मत और खतरनाक होने पर उन्हें गिराने का नोटिस मकान मालिकों को दिया जाता है। अगर मकान मालिक ऐसा नहीं करते तो उन्हें नगर निगम की ओर से गिरा भी दिया जाता है, लेकिन जानकारों के मुताबिक जर्जर इमारतों के सर्वेक्षण में भी गड़बड़झाला होता है। पुरानी सही इमारतों को गिराकर बिल्डर की ओर से फ्लैट निर्माण के लिए उसे खतरनाक श्रेणी में घोषित करा दिया जाता है तो वास्तविक खतरनाक इमारतों को इस श्रेणी में शामिल करने के लिए सुविधा शुल्क की मांग रखी जाती है। नार्थ दिल्ली रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के अध्यक्ष अशोक भसीन के मुताबिक नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से पुरानी दिल्ली में लोग डर में जीने को मजबूर हैं। उनके मुताबिक पुरानी दिल्ली में 20 फीसद इमारतें खतरनाक श्रेणी में है। ऐसे में नगर निगम को इस दिशा में ठोस काम करना होगा, अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
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खतरनाक इमारतों को लेकर समय-समय पर सर्वे चलता रहता है। कनिष्ठ इंजीनियर भी जाते हैं। अगर इमारत खतरनाक लगती है तो संबंधित मकान मालिक को नोटिस जारी किया जाता है। लोग कंट्रोल रूम में भी इसकी शिकायतें कर सकते हैं। बारिश के दिनों में एहतियातन कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करता है। 23913740 नंबर पर फोन कर कोई इसकी जानकारी दे सकता है।
रुचिका कत्याल, उपायुक्त, नगर निगम।