महापंचायत में केजरीवाल की घोषणा विरोधियों के लिए बन सकती है मुसीबत
मुख्यमंत्री महापंचायत में दिल्ली देहात को कृषि देहात का दर्जा देने का ऐलान कर सकते हैं, जिसे पिछली सरकार ने खत्म कर दिया था। यदि केजरीवाल ऐसा करते हैं तो किसानों को काफी राहत मिलेगी, जिससे आप को उपचुनाव में लाभ मिल सकता है। हालांकि, दिल्ली देहात के किसान कृषि
नई दिल्ली (नवीन गौतम)। दिल्ली निगम का उप चुनाव होगा या नहीं, इस संशय के बीच तीनों प्रमुख राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक वार्ड की जिम्मेदारी एक जिले के हवाले कर पूरी ताकत झोंक दी है। महापौर एवं स्थायी समिति के अध्यक्ष के दौरे की संख्या बढ़ गई हैं।
वहीं, कांग्रेस अपने परंपरागत मतदाताओं को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीन अप्रैल को कंझावला में होने वाले किसानों की महापंचायत में कई अहम घोषणाएं कर विरोधियों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।
पिछले साल ओलावृष्टि के कारण दिल्ली देहात में फसलों की बर्बादी की भरपाई के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से 12 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि दी गई थी। हालांकि, केजरीवाल सरकार ने 16 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि देने का वादा किया था।
इसके बावजूद भी दिल्ली देहात के किसान संतुष्ट हैं कि पहली बार किसी सरकार ने उन्हें इतना मुआवजा दिया है। अभी हाल ही में राजधानी में हुई बारिश और ओलावृष्टि में भी फसलें बर्बाद होने के कारण किसानों को नुकसान हुआ है, जिसके आकलन के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अधिकारी लगा दिए हैं।
संभवत 31 मार्च से पहले यह रिपोर्ट भी दिल्ली सरकार के पास पहुंच जाएगी। इसके आधार पर महापंचायत में किसानों के बीच जाकर केजरीवाल मुआवजा राशि की घोषणा कर उनके जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेंगे।
साथ ही यह भी माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री महापंचायत में दिल्ली देहात को कृषि देहात का दर्जा देने का ऐलान कर सकते हैं, जिसे पिछली सरकार ने खत्म कर दिया था। यदि केजरीवाल ऐसा करते हैं तो किसानों को काफी राहत मिलेगी, जिससे आप को उपचुनाव में लाभ मिल सकता है। हालांकि, दिल्ली देहात के किसान कृषि देहात का दर्जा देने की मांग लगातार उठाते रहे हैं।
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी किसानों से मुलाकात के दौरान इस बात के संकेत दिए थे। खेती का दर्जा खत्म किए जाने से अज्ञानता जाहिर करते हुए केजरीवाल ने इसके लिए अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आप की इस रणनीति से भाजपा के नेता भी अच्छी तरह वाकिफ हैं।
यही वजह है कि ओलावृष्टि के अगले दिन ही प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय किसानों के बीच पहुंच गए। साथ ही उन्होंने जिलाध्यक्षों को भी इस काम में लगाया। केंद्रीय कृषि मंत्री के सामने भी इस मुद्दे को उठाया गया। सांसद उदित राज ने भी लोकसभा में इस मसले को उठाया था।
महापौर एवं स्थायी समिति के अध्यक्ष ने भी ताबड़तोड़ दौरे करने शुरू कर दिए। इनमें सर्वाधिक दौरे वजीरपुर और शालीमार बाग इलाके में लगाए गए, जहां उपचुनाव होने हैं। वहीं, कांग्रेस नेता आस लगा रहे हैं कि उनसे छिटके परंपरागत मतदाता दोबारा उनके साथ जुड़ सकेंगे।
होली मंगल मिलन समारोह के बहाने कांग्रेस के नेता इसी प्रयास में जुटे दिखे। शालीमार के जिस वार्ड में उपचुनाव होना है, वहां पूर्वाचल के मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है। इन्हे लुभाने के लिए भोजपुरी गायक गुड्डू रंगीला को बुलाया गया तो पश्चिमी दिल्ली के पूर्व सांसद महाबल मिश्र सहित पूर्वाचल से जुड़े कांग्रेस के नेताओं को आगे रखा।