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दिल्ली HC: केजरीवाल व 'आप' नेता तीन हफ्ते में दाखिल करें जवाब

सीएम अरविंद केजरीवाल व अन्य आप नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि मामले में हाई कोर्ट ने जेटली की तरफ से पेश अतिरिक्त साक्ष्यों को रद करने से इन्कार कर दिया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 09:27 PM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 09:38 PM (IST)
दिल्ली HC: केजरीवाल व 'आप' नेता तीन हफ्ते में दाखिल करें जवाब

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व अन्य आप नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि मामले में हाई कोर्ट ने जेटली की तरफ से पेश अतिरिक्त साक्ष्यों को रद करने से इन्कार कर दिया है।

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हालांकि न्यायमूर्ति विपिन सांघी की पीठ ने मुख्यमंत्री व आप नेताओं को आंशिक राहत प्रदान की है। अदालत ने उन्हें नोटिस जारी कर इन साक्ष्यों पर तीन हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि आप नेता केवल उन दो दस्तावेजों पर ही अपना पक्ष रखें जिनके बारे में वे (आप नेता) कह रहे हैं कि जेटली ने उन्हे अतिरिक्त साक्ष्यों के रूप में पेश किया है।

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शुक्रवार को सुनवाई के दौरान जेटली द्वारा दायर मानहानि की मुख्य याचिका के बाद पेश अतिरिक्त साक्ष्यों को स्वीकार करने के मुद्दे पर जिरह हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि वो इस मामले में प्रतिवादी बनाए गए केजरीवाल व अन्य 5 आप नेताओ को उनका पक्ष रखने का मौका देती है। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।

जेटली की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री व अन्य आप नेता मामले की सुनवाई में देरी करने के हर संभव कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त रजिस्ट्रार ने सभी को कई बार पक्ष रखने का मौका प्रदान किया है। बावजूद इसके इन्होंने जबाव दाखिल नहीं किया और वे लगातार फर्जी आरोप लगा रहे हैं। लेकिन अब तक आरोपों के समर्थन मे एक भी सुबूत पेश नहीं किया है। उन्होंने कहा था कि हमने जो भी अतिरिक्त साक्ष्य व दस्तावेज पेश किए हैं वे मुख्य याचिका के ही समर्थन में दायर किए गए हैं ऐसे में उन्हे स्वीकार किया जाना जरूरी है।

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वहीं, केजरीवाल व अन्य आप नेताओ की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि जो नए साक्ष्य व आरोप लगाए गए हैं वे मुख्य याचिका में नही हैं और उन्हें इस प्रकार से मुख्य याचिका के साथ पेश नहीं किया जा सकता। हमने याचिका पर जबाव दे दिया है और उसके बाद नए सिरे से आरोप व साक्ष्य नहीं दिए जा सकते।

गौरतलब है कि अरुण जेटली ने डीडीसीए में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में उन्हें और उनके परिवार के खिलाफ बयानबाजी करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप नेता राघव चढ्डा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस याचिका में उन्होने इन सभी से 10 करोड़ बतौर मुआवजा दिलवाने की मांग की है।


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