जेएनयू में मतगणना के दौरान हंगामा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में शनिवार को मतगणना केंद्र के बाहर छात्र संगठनों के कार्यकताओं के बीच तीन बार तीखी झड़प हुई। इसमें कई छात्र घायल हुए, जिन्हें उपचार के लिए जेएनयू स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राहुल मानव, नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में शनिवार को मतगणना केंद्र के बाहर छात्र संगठनों के कार्यकताओं के बीच तीन बार तीखी झड़प हुई। इसमें कई छात्र घायल हुए, जिन्हें उपचार के लिए जेएनयू स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शुक्रवार को रिकॉर्ड तोड़ मतदान के बाद उसकी गिनती शुरू कर दी गई। मतगणना शुरू होने के बाद 10 बजे छात्र संगठनों के हंगामे के कारण वोटों की गिनती रोक दी गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से कहा गया कि उनके मतगणना एजेंट को बुलाए बिना ही वोटों की गिनती शुरू कर दी गई।
छात्रसंघ चुनाव समिति के मुख्य चुनाव अधिकारी हिमांशु कुलश्रेष्ठ ने कहा कि एक संगठन के सचिव एवं संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार मतदान केंद्र में जबरन घुस आए और चुनाव समिति के सदस्यों के साथ बहस शुरू कर दी। उनका आरोप था कि उनके संगठन के काउंटिंग एजेंट को मतगणना के पहले सत्र में नहीं बुलाया गया, जबकि हमने मतों की गिनती शुरू होने से पहले सभी छात्र संगठनों के काउंटिंग एजेंट को बुलाने के लिए तीन बार एलान किया था।
मतगणना केंद्र में ही अध्यक्ष पद के सभी उम्मीदवारों को बुलाया गया। इस बीच मतगणना रुकी रही। इसके साथ दोपहर 1.40 बजे जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के बाहर विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से मतगणना दोबारा शुरू करने की माग को लेकर नारेबाजी की गई। वहीं वामदल समर्थक छात्रों ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के छात्र नेता सौरभ शर्मा एवं उनके संगठन के दो सदस्य मतगणना केंद्र के अंदर घुस गए और काम में बाधा पहुंचाया। आखिर में शाम 5.30 बजे फिर से मतगणना शुरू करने की घोषणा की गई। छात्र संगठनों के बीच हुई झड़प में कई घायल हुए
शाम 4.30 बजे छात्र संगठनों के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया और उनके बीच झड़प भी हुई। एबीवीपी और वाम संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया। जेएनयू में दिन भर रही घमासान की स्थिति
एबीवीपी पर छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि उनके समर्थकों द्वारा मतगणना केंद्र के प्रवेश द्वार में तोड़फोड़ की गई। वहीं छात्रसंघ चुनाव समिति ने शनिवार सुबह मीडिया को दी गई सूचना में बताया कि शुक्रवार रात 10 बजे मतगणना प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसे सुबह रोक दिया गया है। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि एक संगठन के लोग सुबह करीब साढ़े तीन बजे मतगणना स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने मतपेटी और मतपत्र छीनने की कोशिश की। समिति का आरोप है कि संगठन के अध्यक्ष और सह सचिव पद के उम्मीदवारों के नेतृत्व में चुनाव समिति की महिला सदस्यों के साथ भी मारपीट की गई। वाम संगठनों ने बताया कि एबीवीपी के अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी ललित पाडेय और वेंकट के नेतृत्व में इस घटना को अंजाम दिया गया है। वाम संगठनों का आरोप है कि काउंसलर पद पर साइंसेज को छोड़कर अन्य तीन में हार की खबर सुनने के बाद एबीवीपी संगठन के समर्थक बौखलाकर हिंसा पर उतारू हो गए। इन लोगों ने चुनाव केंद्र के शीशे तोड़े और चुनाव समिति के सदस्यों के साथ मारपीट भी की। चुनाव समिति पर वाम संगठनों से मिले होने का आरोप
एबीवीपी ने इस पूरे घटनाक्रम के पीछे चुनाव समिति की कार्यप्रणाली को दोषी बताया है। उसने कहा कि उसे संदेह है कि जेएनयूएसयू चुनाव 2018-19 के लिए बनाई गई चुनाव समिति में शामिल लोग वामपंथी संगठनों के पक्ष में कार्य कर रहे हैं। इस घटनाक्रम को लेकर जेएनयू परिसर में पूरे दिन घमासान की स्थिति बनी रही। सभी वाम संगठनों के अलावा एनएसयूआई व अन्य छात्र संगठनों ने एबीवीपी के खिलाफ नारेबाजी व प्रदर्शन किया।