Move to Jagran APP

जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई पर रोक

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की उच्चस्तरीय जाच समिति द्वारा छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपये के जुर्माने के फैसले पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 07:50 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 08:24 PM (IST)
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई पर रोक
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई पर रोक

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की उच्चस्तरीय जाच समिति द्वारा 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाए जाने के मामले में हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को निर्देश दिया कि वह 20 जुलाई तक छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर कोई कार्रवाई न करे। जेएनयू प्रशासन फिलहाल जल्दबाजी में कोई फैसला न करे। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल के अवकाश पर होने के कारण न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की अदालत में मामला आया था।

loksabha election banner

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि उन्होंने मामले को पढ़ा नहीं है और 20 जुलाई को यह नियमित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। इस पर कन्हैया कुमार की वकील तरन्नुम चीमा ने कहा कि क्योंकि कन्हैया जेएनयू के छात्र हैं और 18 जुलाई जुर्माना भरने की अंतिम तारीख है। ऐसे में तत्काल सुनवाई की जरूरत है। इस पर पीठ ने 20 जुलाई तक मामले में कोई भी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी।

गौरतलब है कि जेएनयू की उच्चस्तरीय जांच कमेटी ने पांच जुलाई को अपनी रिपोर्ट में पूर्व कमेटी के फैसले को बरकरार रखा था। कमेटी ने अफजल गुरु की फांसी के विरोध में 9 फरवरी 2016 को परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी करने के मामले में कन्हैया कुमार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। मामले में छात्र उमर खालिद का बहिष्कार करने समेत 13 अन्य छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की गई थी। जेएनयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ मंगलवार को कन्हैया कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

--------------------------

हाई कोर्ट ने पूर्व में दी थी छात्रों को राहत

जेएनयू की पूर्व कमेटी ने कुछ 21 छात्रों को दोषी पाया था और इनमें से कुछ पर जुर्माना भी लगाया था। कमेटी के फैसले को छात्रों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। तब हाई कोर्ट ने जेएनयू नारेबाजी विवाद मामले में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बन समेत 15 छात्रों को राहत दी थी। अदालत ने जेएनयू प्रशासन के फैसले को खारिज करते हुए दोबारा सुनवाई करने और फिर नए सिरे से फैसला करने का निर्णय दिया था। हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वह इस मामले को पहले किसी सक्षम अपील प्राधिकारी के सामने समीक्षा के लिए और पैनल चर्चा के लिए रखें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.