किराया वापस करने या वैकल्पिक विमान सेवा देने की मांग
जेट एयरवेज द्वारा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित करने के खिलाफ याचिका दायर कर यात्रियों ने रुपये वापस करने या फिर वैकल्पिक विमान सुनिश्चित करने की मांग केा लेकर याचिका दायर की है। याचिका पर हाई कोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए से जवाब मांगा है। याचिका में दलील दी गई है कि जेट एयरवेज द्वारा अचानक हवाई
जेट एयरवेज मामला
- यात्रियों ने हाई कोर्ट में उड़ानों को निलंबित करने के खिलाफ दायर की याचिका
- याचिका पर हाई कोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय व डीजीसीए से मांगा जवाब जागरण सवांददाता, नई दिल्ली : जेट एयरवेज द्वारा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित करने के खिलाफ यात्रियों ने किराया वापस करने या फिर उन्हें वैकल्पिक विमान सेवा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर कोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए से जवाब मांगा है। याचिका में दलील दी गई है कि जेट एयरवेज द्वारा अचानक हवाई सेवाओं को स्थगित करने के कारण यात्रियों के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो गया है और यात्रियों को इस बारे में पहले से सूचना भी नहीं दी गई।
बेजोन कुमार मिश्रा ने अधिवक्ता शशांक देव सुधी व अधिवक्ता शशि भूषण के माध्यम से याचिका दायर की है। उन्होंने मांग की है कि सभी प्रभावित यात्रियों के लिए उचित मुआवजे के साथ हवाई टिकट का पूरा पैसा वापस करने का निर्देश दें या फिर वैकल्पिक विमान सेवा की व्यवस्था करें। याचिका पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।
अधिवक्ता शशांक देव सुधी और शशि भूषण ने कहा कि सभी प्रतिस्पर्धी एयरलाइनों ने अपने हवाई किराए में वृद्धि की है और उपभोक्ता का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि किराये के रूप में यात्रियों के 360 करोड़ रुपये से फंसे हैं। याचिका में दावा किया गया है कि जेट एयरवेज की यह स्थिति दो साल से अधिक समय से मौजूद थी, लेकिन अधिकारियों ने समय रहते इस दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया।