मनु शर्मा के आवेदन पर सुनवाई करे एसआरबी : हाई कोर्ट
समयपूर्व रिहाई की मांग करते हुए जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा की तरफ से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने सजा समीक्षा बोर्ड को दोबारा से विचार करने को कहा है। न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने एसआरबी को कहा कि मार्च माह में प्रस्तावित बैठक में आवेदन पर विचार करके फैसला करें। इस आदेश के साथ अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया। मनु
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
समयपूर्व रिहाई की मांग करते हुए जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा की तरफ से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) को दोबारा से विचार करने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने एसआरबी से कहा कि मार्च माह में प्रस्तावित बैठक में आवेदन पर विचार करके फैसला करें। इस आदेश के साथ ही अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया। मनु शर्मा को 1999 में मॉडल जेसिका लाल की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
बता दें कि हाई कोर्ट ने 21 दिसंबर 2018 को तंदूर कांड मामले में सुशील कुमार शर्मा को रिहा करने के आदेश दिए थे। पत्नी के शरीर के टुकड़े करके तंदूर में जलाने के मामले में सुशील दो दशक से सजा काट रहा था। हाई कोर्ट के इस फैसले के एक महीने बाद अब मनु शर्मा ने एसआरबी की 4 अक्टूबर 2018 की संस्तुति को खारिज करने की मांग की, जिसमें उसके आवेदन को खारिज किया गया था। मनु शर्मा ने याचिका में कहा है कि जेल प्रशासन, पुलिस, दिल्ली सरकार के जन कल्याण विभाग समेत सभी विभागों ने उसकी समयपूर्व रिहाई की संस्तुति कर दी थी। इसके बावजूद उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया। याचिका के अनुसार मनु शर्मा बगैर किसी राहत के 15 साल की सजा काट चुका है और वह समयपूर्व रिहाई के योग्य है। मनु शर्मा ने दावा किया कि एसआरबी ने बगैर कोई कारण बताए उसके आवेदन को खारिज कर दिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने दिसंबर 2006 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी और सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2010 में हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था। 30 अप्रैल 1999 की रात को दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में कुतुब कोलोनाडे स्थित एक रेस्टोरेंट में शराब परोसने से इन्कार करने पर मनु शर्मा ने जेसिका लाल को गोली मार दी थी।