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देशभर में सर्विलांस पर फिदायीन जमात

अरविंद कुमार द्विवेदी दक्षिणी दिल्ली निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज से निकले जमातियों से देशभर

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 09:00 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 06:11 AM (IST)
देशभर में सर्विलांस पर फिदायीन जमात
देशभर में सर्विलांस पर फिदायीन जमात

अरविंद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली

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निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज से निकले जमातियों से देशभर में हजारों लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है। वहीं जगह-जगह जिस तरह से इन लोगों ने पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बदसुलूकी की और जानबूझकर थूककर संक्रमण फैलाने का प्रयास किया है, उससे जाच एजेंसियों को इनकी नीयत पर संदेह होने के साथ ही इनका फिदायीन कनेक्शन होने का भी अंदेशा है। इसलिए देशभर में इस जमात के हजारों लोगों को सर्विलांस पर रखा गया है। जमातियों की पहचान करने के लिए पुलिस व अन्य जाच एजेंसियों के साथ ही प्रत्येक राज्य में सिविक एजेंसियों (नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत) को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

एसएसओ कर रहे कोऑर्डिनेट

निगम के एक अधिकारी ने बताया कि शुरू के एक-दो दिनों तक एजेंसियों को इनके मंसूबे स्पष्ट समझ नहीं आए थे। जाच जब आगे बढ़ी और देशभर के अलग-अलग अस्पतालों व क्वारंटाइन सेंटरों से जमातियों की हरकतें सामने आई तो जाच एजेंसियों ने भी दिशा थोड़ी बदली। निगम सूत्रों के मुताबिक अब हर राज्य में इसके लिए अलग स्टेट सर्विलास अफसर (एसएसओ) और हर जिले में डिस्ट्रिक्ट सर्विलास अफसर (डीएसओ) तैनात कर दिए गए हैं। कोरोना पॉजिटिव केस मिलने पर उसका जमात से कनेक्शन सबसे पहले तलाशा जा रहा है। मामला जमात से संबंधित हुआ तो संबंधित डीएसओ इसकी जानकारी अपने एसएसओ को देते हैं। इस तरह सभी राज्यों से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर इन्हें सर्विलांस किया जा रहा है। इसमें उनके मोबाइल नंबर, एटीएम ट्रांजेक्शन, बैंक खातों की निगरानी के साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि वह कब, किससे और कहा मिले। इसके आधार पर जिन लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। उनकी ट्रैवेल हिस्ट्री के साथ ही उनका सामाजिक संपर्क भी देखा जा रहा है। वह क्या काम करते हैं, पैसे कहा से आते हैं, किन-किन संगठनों से जुड़े हैं आदि की जानकारी जुटाई जा रही है। इसलिए तलाशा जा रहा फिदायीन कनेक्शन

शुरू में तो इन जमातियों ने बताया कि वे लॉकडाउन के कारण मरकज में फंस गए थे। इसके बाद कार्यक्रम के दौरान मौलाना साद द्वारा उन्हें एकत्र होने, नमाज पढ़ने और ज्यादा से ज्यादा एक साथ रहने आदि के लिए उकसाने के कई ऑडियो सामने आए। जाच आगे बढ़ी तो यह साफ हो गया कि ये लोग जानबूझकर मरकज में जुटे। उन्हें यह पता भी था कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं, इसके बावजूद उन्होंने जानकारी छिपाई। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि जाच का मुख्य फोकस यह है कि आखिर ये लोग इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित कैसे हुए। इन लोगों में इतना जज्बा कहा से आया। कहीं किसी फिदायीन संगठन के इशारे पर ये लोग कोरोना वायरस को हथियार के तौर पर प्रयोग तो नहीं कर रहे हैं।


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