आरोप पत्र पर 17 सितंबर के लिए टली सुनवाई
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) घोटाला मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दायर आरोप पत्र पर सुनवाई नहीं हो सकी। तकनीकी पहलुओं के कारण सुनवाई 17 सितंबर के लिए टाल दी गई।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) घोटाला मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दायर आरोप पत्र पर सुनवाई नहीं हो सकी। तकनीकी पहलुओं के कारण सुनवाई 17 सितंबर के लिए टाल दी गई। अदालत उस दिन तय करेगी कि आरोप पत्र पर संज्ञान लेना है या नहीं।
वहीं सीबीआइ की ओर से दायर आरोप पत्र पर अदालत संज्ञान ले चुकी है और उसकी सुनवाई छह अक्टूबर के लिए तय है।
आइआरसीटीसी होटल लीज मामले के आरोप पत्र में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के अलावा उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव सहित 14 अन्य को आरोपित बनाया गया था। यह मामला उस वक्त का है, जब लालू प्रसाद रेलमंत्री थे और उन पर अपने पद का अनुचित लाभ उठाने का आरोप है। आइआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का ठेका लालू ने बेहद कम कीमत पर विनय और विजय कोचर के स्वामित्व वाली एक बेनामी कंपनी और डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के स्वामित्व वाली एक कंपनी को दिलाया था। इन कंपनियों से पूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता का भी संबंध है। आरोप पत्र में यादव परिवार के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता, आइआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक बीके अग्रवाल, पीके गोयल, राकेश सक्सेना सहित अन्य आरोपित नामजद हैं। केस पिछले साल जुलाई में दर्ज किया था। जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में कहा है कि होटल टेंडर देने में नियमों को पूरी तरह से ताक पर रखा गया। जिन आवेदकों ने बोली लगाई, उन्हें इस प्रक्रिया में धोखा दिया गया और चहेतों के नाम अलाटमेंट कर दी गई। आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव को इस पूरे घोटाले की जानकारी थी।