ताले में कैद रही आइएनए के दीवानों की जेल
फोटो 510 से 511 व 601 से 603 तक -पीएम ने लाल किले पहुंचकर नेताजी और आइएनए को दिया सम्म
वीके शुक्ला, नई दिल्ली
आजाद ¨हद सरकार की 75वीं वर्षगांठ, राष्ट्रीय समारोह और मात्र कुछ मीटर की दूरी पर स्थित आजाद ¨हद फौज (आइएनए) के दीवानों की जेल वीरान रही। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला पहुंचकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनकी सेना आइएनए को अभूतपूर्व सम्मान दिया। समारोह स्थल से मात्र कुछ मीटर की दूरी पर स्थित वह जेल जहां आइएनए के तीन आला अधिकारियों कैद कर रखा गया था, वहां आज भी ताला लटका रहा।
यह स्थल लाल किले में ही मौजूद एक बावली है। एएसआइ भी मान रहा है कि यह एक महत्वपूर्ण बावली है। इसमें आइएनए के तीन वरिष्ठ अधिकारी इस बावली में कैद करके रखे गए थे। इस पर लंबे समय से ताला लगा हुआ है। इसके बारे में अधिकतर पर्यटकों को जानकारी नहीं है और एएसआइ (भारतीय पुरातत्व संस्थान) भी इसको लेकर गंभीर नहीं है।
लाल किले में प्रवेश करने के बाद छत्ता बाजार से जैसे ही आप आगे पहुंचते हैं। बाई ओर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय है। इसी रास्ते पर थोड़ा आगे जाकर दाहिनी ओर बावली है। इसी के अंदर जेल बनी है। अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर लड़ाई के दौरान बर्मा में जनरल शाहनवाज खान और उनके दल को ब्रिटिश आर्मी ने 1945 में बंदी बना लिया था। इन्हें दिल्ली लाया गया था। नवंबर 1946 में मेजर जनरल शाहनवाज खान, कर्नल प्रेम सहगल और कर्नल गुरुबख्श सिंह को यहां रखा गया था। इन तीनों पर अंग्रेजी हुकूमत ने राजद्रोह का मुकदमा चलाया था, लेकिन भारी विरोध और जनसमर्थन के चलते ब्रिटिश आर्मी के जनरल आक्निलेक को न चाहते हुए भी इन अफसरों को अर्थदंड लगाकर छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा था।