सीपीडब्ल्यूडी के प्रोजेक्ट पर आइआइए ने जताई आपत्ति
संसद भवन सेंट्रल विस्ता और साउथ व नार्थ ब्लाक के रि-डेवलपमेंट की सीपीडब्ल्यूडी की योजना पर दि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट आइआइए और एसपीए एल्यूमिनाई एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है। उन्होंने रि-डेवलपमेंट के लिए कंसलटेंट चुने जाने की प्रक्रिया पर भी कई सवाल खड़े किए जाने के साथ प्रक्रिया को बेहतर बनाने के सुझाव भी दिए हैं। इस संबंध में राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी को भी पत्र लिखा है। वहीं इस मामले में आइआइए और एसपीए एल्यूमिनाई एसोसिएशन ने बैठक भी की।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : संसद भवन, सेंट्रल विस्टा और साउथ व नॉर्थ ब्लॉक के पुनर्विकास की केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की योजना पर दि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट (आइआइए) और एसपीए एलुमनी एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है। उन्होंने परामर्शक चुने जाने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए इसे बेहतर बनाने के सुझाव भी दिए। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को भी पत्र लिखा है। वहीं, इस मामले में आइआइए और एसपीए एलुमनी एसोसिएशन ने बैठक भी की।
आइआइए के पूर्व अध्यक्ष बलबीर वर्मा ने कहा कि पुनर्विकास योजना लाने का तरीका गलत है। अभी यह भी साफ नहीं है कि किस हिस्से का पुनर्विकास किया जाएगा। इसकी कितनी जरूरत है। क्या काम किया जाएगा और कैसे होगा, इसके बारे में भी स्पष्ट रूप से अभी कुछ भी नहीं बताया गया है। अभी सिर्फ यह तय किया गया है कि पुनर्विकास का कार्य किया जाएगा। पुनर्विकास योजना तैयार करने के लिए जिस परामर्शक को चुना जाना है, उसे अभी तक यह नहीं पता कि उसे काम क्या करना है। परामर्शक चुनने का तरीका भी पारदर्शी नहीं है। उसके टर्न ओवर और कार्य अनुभव के बजाय प्ररीक्षा के जरिये उसका चुनाव किया जाना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक लोग बेहतर से बेहतर डिजाइन तैयार कर सकें। परामर्शक के चयन के लिए उसके कार्यालय में काम करने वाले प्रोफेशनल की संख्या को निर्धारित करने के साथ थ्री-डी प्रिटर की संख्या निर्धारित किया जाना समझ से परे है।
बैठक में आइआइए के नॉर्थ चैप्टर के चेयरमैन समित मनचंदा, एसपीए एलुमनी एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन कावश कपाड़िया, उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, सचिव अजय श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष निखिल, आर्किटेक्ट पुनीत सेठी, राजेश लूथरा, एमडी मखीजा और सुभाष यदुवंशी मौजूद रहे।