अधिकारी केवल कानून और संविधान के प्रति जवाबदेह : आइएएस
-नालों की सफाई में देरी के लिए मुख्यमंत्री को ठहराया जिम्मेदार -डोर स्टेप डिलीवरी योजना क
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
आइएएस अधिकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि दिल्ली में हालात सामान्य नहीं हैं। अधिकारियों का यह भी कहना है कि हम सिर्फ संविधान एवं कानून के प्रति जवाबदेह हैं। डोर स्टेप डिलीवरी से जुड़ी फाइल को रोके जाने के केजरीवाल के आरोपों पर अधिकारियों का कहना है कि, डोर स्टेप डिलीवरी से जुड़ी फाइल के रुकने में भी आइएएस का कोई रोल नहीं है।
प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में आइएएस अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार का आरोप है कि मानसून का सीजन सिर पर है, लेकिन अफसरों की हड़ताल की वजह से अभी तक नालों की सफाई का काम शुरू तक नहीं हुआ है। जबकि सच्चाई यह है कि, मुख्यमंत्री स्वयं ही इस बाबत बैठक के लिए 25 जून की तारीख दे रखी है। इस बैठक के एजेंडे में डिसिल्टिंग ऑफ ड्रेन्स अजेंडा में सबसे ऊपर है। इसलिए यह आरोप कि डिसिल्टिंग का काम शुरू नहीं हुआ.. आरोप झूठा है। इस तरह की कोई बात नहीं है।
परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी का कहना था कि हमें प्रताड़ित किया जा रहा है। हम अपने काम के दौरान किसी भी तरह के जुबानी या शारीरिक हमलों को स्वीकार नहीं कर सकते। सभी अधिकारी अपने ऊपर किए जा रहे हमलों व सम्मान के मसले पर हमले और धमकियों से चिंतित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, हमें हमारा काम करने दीजिए। हम खुद को पीड़ित महसूस कर रहे हैं।
वहीं राजस्व सचिव मनीषा सक्सेना ने कहा कि हम हर स्तर पर सरकार का सहयोग कर रहे हैं। ऐसा नहीं होता तो मुख्य सचिव रात में 12 बजे सीएम केजरीवाल के बुलावे पर उनसे बैठक करने नहीं जाते। लिहाजा ऐसा कहना गलत है कि दिल्ली सरकार के लिए काम करने वाले आइएएस अधिकारी सरकार का सहयोग नहीं कर रहे। चाहे बात कैबिनेट बैठक की या फिर बजट बैठक की, हमारे अधिकारी हर जगह उपस्थित थे।