हैंड वॉश के बाद ही अस्पताल परिसर में मिलता है प्रवेश
कोरोना वायरस को मात देने के लिए एहतियात बरतना बहुत जरूरी है। बीते दो माह में लोगों के बीच काफी जागरूकता आई है और लोग समय-समय पर हाथ धोना और मास्क लगाना सीख गए है। सरकारी अस्पताल की संस्कृति में भी अब काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले जहां लोग अस्पताल में यहां-वहां थूक देते थे या गंदगी फेंक देते थे अब ऐसा करने से खुद बचते है। ओपीडी में दाखिल होते ही सुरक्षाकर्मी प्रत्येक मरीज के हाथ सैनिटाइज करवाते है। हालांकि गेट पर इस तरह की व्यवस्था करना अस्पताल प्रशासन के लिए थोड़ा मुश्किल है।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : कोरोना वायरस को मात देने के लिए एहतियात बरतना बहुत जरूरी है। बीते दो माह में लोगों के बीच काफी जागरूकता आई है और लोग समय-समय पर हाथ धोना और मास्क लगाना सीख गए हैं। सरकारी अस्पताल की संस्कृति में भी अब काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले जहां लोग अस्पताल में यहां-वहां थूक देते थे या गंदगी फेंक देते थे, अब ऐसा करने से खुद बचते हैं। हालांकि अभी भी कुछ आदतें हैं, जैसे- शारीरिक दूरी, उसका पालन करना लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
जनकपुरी स्थित अतिविशिष्ट अस्पताल की बात करें तो यहां अस्पताल के चारों गेट पर हैंडवॉश के लिए वॉश बेसिन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को आवेदन दिया गया है। अस्पताल प्रशासन की पूरी कोशिश है कि लोग हाथ साफ करके ही अस्पताल परिसर में प्रवेश करें। इससे संक्रमण फैलने की संभावना काफी कम होगी। फिलहाल अस्पताल के गेट पर सुरक्षाकर्मी सभी की थर्मल स्क्रीनिग करती है।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक चिकित्सकों व अन्य समस्त कर्मचारियों को सैनिटाइजर, मास्क व दस्ताने दिए गए हैं, ताकि वे सुरक्षित रहें। हालांकि अस्पताल प्रशासन पहले सैनिटाइजर टनल लगाने की दिशा में भी विचार कर रहा था, पर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के बाद अब विचार को टाल दिया गया है। जहां तक शारीरिक दूरी की बात है, ओपीडी की पर्ची बनाने व दवा काउंटर पर लोगों के लिए शारीरिक दूरी बनाना काफी चुनौतीपूर्ण है। ये जागरूकता के अभाव को दर्शाता है। पर सुरक्षाकर्मी पूरा प्रयत्न करते है कि लोग शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ही खड़े हों।
वहीं रघुबीर नगर स्थित गुरु गोबिद सिंह अस्पताल का जिक्र करें तो यहां ओपीडी में दाखिल होते ही सुरक्षाकर्मी प्रत्येक मरीज के हाथ सैनिटाइज करवाते हैं। हालांकि गेट पर इस तरह की व्यवस्था करना अस्पताल प्रशासन के लिए थोड़ा मुश्किल है। लोग शारीरिक दूरी का पालन करें, इसके लिए अस्पताल में विशेष व्यवस्था की गई है। जहां पहले एक कमरे में दो चिकित्सक मरीजों को देखते थे, वहां अब एक ही चिकित्सक बैठते हैं। दवा काउंटर और पर्ची के काउंटर पर भी खासा एहतियात बरता जाता है। दिल्ली छावनी अस्पताल में भी गेट पर अस्पताल प्रशासन ने हाथ धोने की व्यवस्था की है। सभी को थर्मल स्क्रीनिग के बाद ही अस्पताल परिसर में दाखिल किया जाता है। इस दौरान अगर किसी का तापमान अधिक आता है, तो उसे फीवर क्लीनिक में भेज दिया जाता है। इंतजार कक्ष में भी मरीजों और तीमारदारों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बिठाया जाता है।