Delhi: जी-20 सम्मेलन से जगी सरोजिनी नगर बाजार के विकास की उम्मीद, रोज खरीददारी के लिए आते हैं हजारों लोग
Sarojini Nagar market सरोजिनी नगर बाजार में रोज करीब 60 हजार से ज्यादा लोग खरीददारी के लिए आते हैं। रविवार को यह आंकड़ा 70 हजार के पार पहुंच जाता है। इस बाजार में न केवल दिल्ली बल्कि देश के कोने-कोने से लोग आते हैं।
नई दिल्ली [रमेश मिश्र]। इस वर्ष होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर पूरी दिल्ली को सजाने संवारने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए केंद्र सरकार और उससे संबंधित एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया है। ऐसे में देश-दुनिया में मशहूर दक्षिणी दिल्ली का यह सरोजिनी नगर बाजार भी अपने विकास की आस में बैठा है। दिल्ली के इस बाजार की खासियत यह है कि यह न केवल संपन्न लोगों को आकर्षित करता है, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग को भी यह मार्केट खूब रास आता है।
रोज आते हैं 60 हजार से ज्यादा खरीददार
दिल्ली का यह बाजार कितना व्यस्त है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां रोज करीब 60 हजार से ज्यादा लोग खरीददारी के लिए आते हैं। रविवार को यह आंकड़ा 70 हजार के पार पहुंच जाता है। इस बाजार में न केवल दिल्ली बल्कि देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। इतना ही नहीं विदेशी मेहमानों को भी यह बाजार खूब भाता है। हालांकि, खरीददारों की आवक की तुलना में यहां की सुविधाएं नदारद हैं।
बाजार एसोसिएशन ने बताया कि यहां की सड़कों पर लगी टाइल्स जगह-जगह से उखड़ चुकी हैं। व्यापारी संगठनों ने बताया कि बाजार में टाइल्स करीब एक दशक पहले लगाई गई थी। इसके बाद से इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। आज कई जगहों पर रास्ते पूरी तरह से खराब हो चुके हैं। इसके अलावा अतिक्रमण इस बाजार की एक बड़ी समस्या है।
दूतावास के लोगों को खूब भाता है बाजार
अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण यह बाजार काफी अहम है। यह इलाका दूतावास के समीप है। दुनिया के सारे बड़े दूतावास यहीं पर हैं। इनकी बाजार से दूरी करीब आधा किलोमीटर होगी। इसके चलते यह उनकी पहली पंसद है। इसके अलावा यह क्षेत्र दिल्ली के सबसे रिहायसी इलाकों के निकट है। सस्ता सामान मिलने की वजह से यहां बड़ी तादाद में दिल्ली-एनसीआर का मध्यम वर्ग और गरीब तबका भी खरीददारी करने आता है। बाजार में विदेश पर्यटकों की चहल-पहल देखी जा सकती है।
टूटे-फूटे शौचालय महिलाओं के लिए बड़ी समस्या
इस बाजार में महिलाओं की एक बड़ी तादाद आती हैं। यहां के टूटे-फूटे शौचालय इनके लिए एक बड़ी समस्या है। शौचालयों के करीब अतिक्रमण के चलते उनको और बहुत दिक्कत होती है।
एम्स में अपने बच्चों के इलाज के लिए पटना से आईं गुड़िया झा सरोजिनी नगर बाजार को पहले से जानती थीं। वह यह सुनकर बाजार में आईं हैं कि यहां सामान काफी सस्ता मिलता है, लेकिन दुकानदारों के मोलभाव और सुविधाओं से बेहद खिन्न हैं। पूर्वी दिल्ली निवासी चंद्रकला का कहना है कि हम तो कई वर्षों से यहां आ रहे हैं। यहां समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह बाजार तो बहुत किफायती है। इसका बड़ा नाम भी है, लेकिन सुविधाएं उस तरह की नहीं है।
मार्केट एसोसिएशन की जगी उम्मीद
आपसी मतभेद के बावजूद इस मुद्दे को लेकर बाजार के तीनों एसोसिएशन एकजुट हैं। इसमें प्रमुख रूप से सरोजिनी नगर मार्केट शाप कीपर एसोसिएशन, सरोजिनी नगर मिनी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन और बाबू मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन हैं। सोमवार को तीनों एसोसिएशन के प्रमुख पदाधिकारी शाप कीपर एसोसिएशन के महासचिव अशोक कालरा एवं इसके संरक्षक ओम प्रकाश एवं मिनी मार्केट से अशोक रंधावा और बाबू मार्केट से कार्तिक लाल ने एनडीएमसी की सचिव अंकिता चक्रवर्ती से मिलकर अपना पूरा पक्ष रखा था।
संगठनों का कहना है कि वह इस मौके को नहीं खोना चाहते हैं। इसके लिए सचिव ने आश्वासन दिया है कि जी-20 से पहले इस बाजार का कायाकल्प होगा। इसके साथ एसोसिएशन को उम्मीद है कि जी-20 के आयोजन में दिल्ली में विकास की जो गंगा बह रही है, उसकी कुछ बूंदें उनके बाजार तक जरूर आएंगी।