Move to Jagran APP

SC का अहम फैसला, वसीयत की संपत्ति पर हिंदू विधवाओं का भी पूरा हक

हिंदू विधवाओं का भरण-पोषण कापूर्व अधिकार बचा हुआ है, तो चाहे वसीयत में उसे संपत्ति पर सीमित अधिकार क्यों न मिला हो, वह वसीयत में मिली संपत्ति की पूर्ण मालकिन होगी। उस संपत्ति को वह किसी को दे भी सकती है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2015 07:51 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2015 10:45 AM (IST)
SC का अहम फैसला, वसीयत की संपत्ति पर हिंदू विधवाओं का भी पूरा हक

नई दिल्ली (माला दीक्षित)। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू विधवाओं के संपत्ति पर अधिकार को लेकर एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर हिंदू विधवाओं का भरण-पोषण कापूर्व अधिकार बचा हुआ है, तो चाहे वसीयत में उसे संपत्ति पर सीमित अधिकार क्यों न मिला हो, वह वसीयत में मिली संपत्ति की पूर्ण मालकिन होगी। उस संपत्ति को वह किसी को दे भी सकती है।

loksabha election banner

हिंदू विधवाओं के संपत्ति पर अधिकार के बारे में यह महत्वपूर्ण फैसला न्यायमूर्ति एमवाई इकबाल और सी नागप्पन की पीठ ने सुनाया है। कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 14 (1) को पुन: स्पष्ट करते हुए संपत्ति पर विधवाओं का सीमित हक बताने वाली याचिकाएं खारिज कर दीं।

कोर्ट ने यह भी साफ किया कि भले ही वसीयत में इस बात का जिक्र न हो कि विधवा को संपत्ति में हक उसके भरण-पोषण के लिए दिया जा रहा है, फिर भी अगर उसका भरण-पोषण का हक बनता है, तो वसीयत में संपत्ति पर मिला सीमित अधिकार पूर्ण अधिकार में बदल जाएगा।

कोर्ट ने कहा है कि हिंदू कानून में पत्नी का भरण-पोषण करना पति का निजी दायित्व है। अगर पति की कोई संपत्ति है, तो पत्नी को उस संपत्ति से भरण-पोषण पाने का अधिकार है। हिन्दू विधवा को मिला भरण-पोषण का अधिकार महज औपचारिकता भर नहीं है।

यह स्वीकृति, मेहरबानी या मुफ्त में दिया गया नहीं, बल्कि उनका महत्वपूर्ण अधिकार है। विधवा भरण-पोषण पाने के लिए अदालत जा सकती है। अदालत यदि उसके पक्ष में फैसला सुनाता है, तो वह संपत्ति पर अधिकार प्राप्त कर सकती है।

हिन्दू विवाहिता पृथक निवास और भरण-पोषण अधिकार अधिनियम 1946 के जरिये इस अधिकार को विधायी पहचान दी गई है। कोर्ट ने कहा कि हिंदू विधवा का भरण-पोषण का अधिकार पूर्व निर्धारित अधिकार है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.