भारत लौटे अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हिदू- सिख
झे नहीं पता हिदुस्तान को क्या कहना है मेरी माँ या पिता मगर हिदुस्तान . हिदुस्तान है। उन्होंने तालिबानी आतंकियों द्वारा अगवा करने की घटना को याद करते हुए बताया कि उन्हें रोज मारा जाता था पेड़ में बांधकर रखा जाता था और इस्लाम को अपनाने के लिए कहा जाता था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित 11 लोग भारत लौटे हैं। इनमें चार हिदू व सात सिख हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय के विशेष हस्तक्षेप के बाद इन सभी को विशेष वीजा जारी कर भारत बुलाया गया है। ये सभी धर्म के नाम पर अफगानिस्तान में प्रताड़ित किए जा रहे थे। इसके चलते ये वर्ष 1992 में ही परिवार समेत भारत आ गए थे और यहां बतौर शरणार्थी रह रहे थे। पर अफगानिस्तान में गुरुद्वारों व मंदिरों की सेवा के लिए वहां जाते रहते थे। इन दिनों ये वहीं थे। जहां तालिबानियों द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे थे। बीते माह दल में शामिल एक सिख निदान सिंह का अपहरण भी कर लिया गया था। निदान सिंह के अपहरण और उन पर हो रही प्रताड़ना को लेकर उनकी पत्नी महरवती ने प्रधानमंत्री से मदद की अपील की थी। इसके बाद भारत सरकार द्वारा इन लोगों को वहां से लाने की व्यवस्था की गई।
स्वदेश लौटने पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के साथ ही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिदर सिंह सिरसा व शिरोमणि अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने इनका स्वागत किया। साथ ही हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। वैसे, कोरोना को देखते हुए सभी को यहां आने पर होम क्वारंटाइन किया गया है।
आरपी सिंह ने कहा कि पड़ोसी मुल्क में वहां के किसी भी अल्पसंख्यकों को भारत प्रताड़ित होने नहीं देगा। उनकी प्रताड़ना रोकने और उन्हें नागरिकता देने के लिए मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून बनाया है। छलका दर्द, कहा- हिदू-सिख होने पर ही बनते थे निशाना
निदान सिंह ने बताया कि वहां पर तालिबानियों द्वारा सिर्फ धर्म के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। इस्लाम अपनाने के लिए भी दबाव बनाया जाता था। उन्होंने तालिबानी आतंकियों द्वारा अगवा करने की घटना को याद करते हुए बताया कि उन्हें रोज मारा जाता था, पेड़ से बांधकर रखा जाता था। उन्होंने कहा कि वहां पर हिदू व सिख लड़कियों से कम उम्र में ही निकाह करके उन्हें मुस्लिम बनाया जाता है। उन्हें नहीं पता कि हिदुस्तान को क्या कहना है। पर मेरी मां और पिता हिदुस्तान ही है।