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इस्लामिक स्टेट से जुड़ी कश्मीरी महिला को जमानत देने से इन्कार

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आतंकी हमला करने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार हिना बशीर बेग को जमानत देने से पटियाला हाउस का इन्कार

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 09:10 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 09:10 PM (IST)
इस्लामिक स्टेट से जुड़ी कश्मीरी महिला को जमानत देने से इन्कार
इस्लामिक स्टेट से जुड़ी कश्मीरी महिला को जमानत देने से इन्कार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आतंकी हमला करने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार की गई कश्मीरी महिला हिना बशीर बेग को जमानत देने से पटियाला हाउस कोर्ट ने इन्कार कर दिया। हिना बशीर रविवार को कोरोना संक्रमित पाई गई थी और अदालत के आदेश पर उसे लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जमानत देने से इन्कार करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपित पर लगाए गए आरोप गंभीर प्रवृत्ति के हैं और उसे अस्पताल में पर्याप्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।

सुनवाई के दौरान आरोपित के अधिवक्ता एमएस खान ने जब सरकारी अस्पताल में इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं होने का दावा किया तो अदालत ने अधिवक्ता से कुछ निजी अस्पतालों के नाम का सुझाव देने को कहा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सात जून को अदालत को बताया था कि 6 जून को हिना बशीर, उसके पति जहांजाहिब सामी व अन्य आरोपित मोहम्मद अब्दुल्ला की कोरोना जांच कराई गई थी। सात जून को आई रिपोर्ट में जहांजाहिब और मोहम्मद अब्दुल्ला संक्रमित नहीं पाए गए थे, हालांकि हिना संक्रमित पाई गई थी। इस पर अदालत ने एनआइए को हिना को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करने का आदेश दिया था, जबकि जहांजाहिब व अब्दुल्ला को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। आरोपितों ने दिल्ली में बढ़ते कोरोना वायरस के खतरे और अस्पताल की असुविधा का हवाला देकर दो महीने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी।

एजेंसी ने आरोप लगाया था कि इस्लामिक स्टेट की विचारधारा को बढ़ावा देने और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आइएसकेपी) से संबंध रखने वाले तीन आरोपियों को मार्च में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था और 23 मार्च को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। बाद में मामला एनआइए को सौंप दिया गया था।


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