कार के अंदर मास्क लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश को हाई कोर्ट ने बताया बेतुका
दिल्ली सरकार के आदेश को बेतुका बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा कि बदली हुई परिस्थितियों में भी ऐसा ही क्यों हो रहाा है। दिल्ली सरकार द्वारा पारित किए गए आदेश पर पीठ ने पूछा कि वह इसे वापस लेने पर विचार क्यों नहीं कर सकती।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निजी कार के अंदर अकेले वाहन चलाने के दौरान भी मास्क लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश को बेतुका बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा कि बदली हुई परिस्थितियों में भी ऐसा ही क्यों हो रहाा है। दिल्ली सरकार द्वारा पारित किए गए आदेश पर न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने पूछा कि वह इसे वापस लेने पर विचार क्यों नहीं कर सकती।
इसके जवाब में दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि जहां सरकारी कवायद में कुछ महीने लग सकते हैं, वहीं कोर्ट का एक अवलोकन अधिक त्वरित विकल्प होगा। मेहरा ने पीठ से कहा कि उन्हें एकल पीठ द्वारा इस संबंध में दिए गए आदेश को रद करना चाहिए।
इस पर पीठ ने कहा कि अदालत ऐसा तभी कर सकती है जब मामला उसके सामने आए। पीठ ने मेहरा से पूछा कि जब आदेश बेकार था तो आप इसे वापस क्यों नहीं ले लेते। इस पर पीठ ने मौखिक रूप से कहा यह वास्तव में बेतुका है। आप अपनी कार में बैठे हैं और आपको मास्क पहनना चाहिए।
न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की एकल पीठ ने वर्ष 2021 में कार के अंदर मास्क न लगाने पर चालान करने के खिलाफ अधिवक्ता सौरभ शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा था कि कार के अंदर अकेले होने पर मास्क लगाना अनिवार्य है।
पीठ ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) से कहा कि वह कोरोना महामारी के परिदृश्य में बदलाव को देखते हुए उसके द्वारा पारित आदेशों पर फिर से विचार करे। पीठ ने आदेश दिया कि डीडीएमए को कोविड प्रतिबंधों के संबंध में इसके द्वारा जारी किए गए कई आदेशों को भी देखना चाहिए।