बारिश का कहर, केदारनाथ यात्रा बीच में ही छोड़ वापस लौटे सैलानी
उत्तराखंड में बारिश भारी तबाही भी साथ लेकर आई है। वहां बारिश ने ऐसा कहर बरपाया है कि लोगों को अपनी यात्राएं तक स्थगित करनी पड़ गई। जगह-जगह भूस्खलन नदियों में बाढ़ आने के चलते कई लोगों को बीच यात्रा से वापस लौटना पड़ा।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : उत्तराखंड में बारिश भारी तबाही भी साथ लेकर आई है। वहां बारिश ने ऐसा कहर बरपाया है कि लोगों को अपनी यात्राएं तक स्थगित करनी पड़ गई। जगह-जगह भूस्खलन, नदियों में बाढ़ आने के चलते कई लोगों को बीच यात्रा से वापस लौटना पड़ा। साथ ही राजधानी से उत्तराखंड गए, कई लोग अब तक वहीं फंसे हुए हैं, उनके स्वजन यहां बेहद चिंतित हैं। बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक वहां कई लोगों की मौत भी हो चुकी है, कई लोग भूस्खलन के कारण लापता हैं। वहां नदियां भी उफान पर हैं, कई जगहों पर तो संपर्क भी नहीं हो पा रहा है, ऐसे में राजधानी के लोग उत्तराखंड में फंसे अपनों के लिए काफी परेशान हैं।
राजधानी में काफी संख्या में उत्तराखंड के लोग भी रहते हैं, वह दिन रात फोन करके वहां रह रहे अपनों का हाल चाल भी पूछ रहे हैं। दिलशाद गार्डन में रहने वाले अश्वनी मैठाणी अपने चार दोस्तों सहित केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकले थे, लेकिन तेज बारिश के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा। उनके साथ यमुना विहार से शुभांकर, बुराड़ी से सुधीर सिंह नेगी और नारायणा से राकेश भंडारी केदारनाथ की यात्रा पर गए थे। अश्वनी ने बताया कि वह शुक्रवार रात को दिल्ली से बस लेकर ऋषिकेश पहुंचे। वहां से सुबह रविवार को एक कैब करके चारों केदारनाथ धाम के लिए निकल गए, लेकिन उन्हें अगस्त मुनि पर रोक लिया गया, वहां से आगे किसी को भी नहीं जाने दिया गया। दो दिन के लिए केदारनाथ की यात्रा बंद कर दी गई, फिर एक मिनी बस से वह वापस ऋषिकेश आ गए। वहां से दिल्ली के लिए कोई बस नहीं मिली, जिनकी आनलाइन बुकिग थी, वही जा रहे थे। वह चितित हो गए थे, इसलिए बिना रुके उसी रात कैब से दिल्ली के लिए निकल गए, और सोमवार सुबह पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनके कुछ दोस्त एक दो दिन पहले केदारनाथ के लिए निकले थे, जो अब तक वहीं बीच रास्ते में फंसे हैं। ------------
प्रतिक्रिया
हम कुछ दिन पहले वैष्णो देवी की यात्रा पर गए थे, उत्तराखंड से हमारी चाची भी साथ जाने के लिए आई थीं। उन्हें अब वापस उत्तराखंड जाना है, लेकिन वहां तेज बारिश और भूस्खलन के चलते वह दिल्ली में ही रुकी हैं। उन्हें लगातार परिवार की चिता हो रही है।
- नीता बिष्ट, पार्षद सातदपुर वार्ड
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मेरे ससुर, जेठ और उनके साथ कुछ रिश्तेदार शुक्रवार को पौड़ी गढ़वाल गए थे। वह गांव से निकल गए थे, लेकिन बारिश के कारण वहां एक नदी में बाढ़ आ गई। इसलिए उन्हें बीच में ही रुकना पड़ा। दो दिन से वह पौड़ी गढ़वाल स्थित बीरूखाल में एक गेस्ट हाउस में रूके हैं।
- सुनीता जुयाल, घिटोरनी