गंगाराम अस्पताल सहित सात लैब में कोरोना की जाच पर रोक
-आइसीएमआर का प्रोटोकॉल पालन नहीं करने पर आठ लैब के खिलाफ जाच शुरू -डीएमए ने मुख्यमंत्री क
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आठ लैब के खिलाफ जाच शुरू कराई है। उन सभी लैब पर आइसीएमआर (अखिल भारतीय आयुíवज्ञान अनुसंधान परिषद) के दिशा निर्देश का पालन नहीं करने व बिना लक्षण वाले लोगों की करोना जाच करने का आरोप है। इसमें राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अलावा सात निजी क्षेत्र के लैब हैं। जिसमें गंगाराम अस्पातल का लैब भी शामिल है। इस वजह से गंगाराम अस्पताल सहित सात निजी लैबों में जाच बंद कर दी गई है। हालाकि एनसीडीसी में कोरोना की जाच बंद नहीं की गई है।
एनसीडीसी ने दिल्ली सरकार को भेजे अपने जवाब में कहा है कि संस्थान खुद मरीजों से सैंपल कलेक्ट नहीं करता। विभिन्न अस्पतालों से उसके पास सैंपल जाच के लिए भेजे जाते हैं। इसलिए आइसीएमआर का दिशा निर्देश उसपर लागू नहीं होता। यह केवल कलेक्शन सेंटर पर लागू होता है।
डॉक्टरों के बीच यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर राजधानी में जाच बढ़ाने की माग की है। डीएमए ने यह भी माग की है कि अस्पतालों में दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की सर्जरी व गर्भवती महिलाओं के प्रसव से पहले कोरोना की जाच का प्रावधान किया जाए और इसे प्रोटाकॉल में शामिल किया जाए। इससे स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित होने से बचेंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य कíमयों की जाच का भी प्रावधान किया जाए। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि मौजूदा समय में किन निजी व सरकारी लैब में कोरोना की जाच का प्रावधान है।
डीएमए ने यह पत्र सात लैबों में जाच सुविधा बंद होने के बाद लिखा है। इनमें गंगाराम अस्पताल की लैब, सिटी एक्सरे एंड स्कैन क्लीनिक, प्रोग्नोसिस लैब, पाथकाइंड डायग्नोसिस, एसआरएल रिफ्रेंस लैब, स्टार इमेजिंग व फोíटस अस्पताल शामिल हैं। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि आइसीएमआर ने यह प्रावधान किया है कि अब बीमारी के लक्षण होने पर ही कोरोना की जाच होगी। बिना लक्षण वाले लोगों की जाच का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। जबकि उक्त लैब में बिना लक्षण वाले लोगों की भी जाच की जा रही थी। बिना लक्षण वाले मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर निजी अस्पताल उन्हें भर्ती भी कर रहे थे। इस वजह से गंभीर मरीजों को अस्पताल में बेड मिलने में परेशानी हो रही है। जबकि बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने का निर्देश है। इस वजह से विभाग ने मामले की जाच शुरू कराई है। फिलहाल इनमें जाच भी रोक दी गई है।
गंगाराम में जाच के लिए भटकते रहे मरीज
गंगाराम अस्पताल ने जाच बंद होने की पुष्टि की है। इस अस्पताल में जाच के लिए बृहस्पतिवार को मरीज भटकते रहे। यह भी तब जब इस अस्पताल को कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत किया गया है। ऐसे में अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की जाच कहा होगी यह बड़ा सवाल है।