अधिवक्ताओं के जीवन बीमा को लेकर हाई कोर्ट गंभीर
अधिवक्ताओं के मेडिक्लेम को लेकर गंभीर दिल्ली हाई कोर्ट ने देश की तीन नामी कंपनियों न्यू इंडिया इंश्योरेंस यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस एवं ओरिएंटल इंश्योरेंस से दो सप्ताह के अंदर बात करके फैसला लेने का दिल्ली सरकार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह जीवन बीमा देने के लिए भारतीय जीवन बीमा से बात करके दो सप्ताह के अंदर जानकारी दें।
- दिल्ली सरकार को इंश्योरेंस कंपनियों से दो सप्ताह में बात करने को कहा
- मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
अधिवक्ताओं के मेडिक्लेम को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को देश की तीन नामी कंपनियों न्यू इंडिया इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस एवं ओरिएंटल इंश्योरेंस से दो सप्ताह के अंदर बात करके फैसला लेने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने कहा कि मेडिक्लेम देने वाली तीनों इंश्योरेंस कंपनियों को अग्रिम जमानत राशि एवं अनुभव प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है। मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। पीठ ने सरकार के प्रधान सचिव (विधि) को भी इस बातचीत पर गौर करने और समिति द्वारा लिए गए निर्णय को संबंधित प्राधिकार के पास रखने एवं अंतिम निर्णय को पीठ के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में कम से कम 74 वर्ष से कम आयु के वकीलों का बीमा हो जाए तो बेहतर है। पीठ ने 17 जुलाई को सरकार से कहा था कि लॉकडाउन के कारण जो अधिवक्ता अपना पंजीकरण अप्रैल में नहीं करा सके उनका पंजीकरण करने के लिए दो हफ्ते का और समय दिया जाए।
कोर्ट ने यह निर्देश कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जारी किया है। याचिकाओं के अनुसार अधिवक्ता कल्याण कोष योजना के तहत अधिवक्ताओं के बीमा एवं उसके अन्य मुद्दों पर विचार किया जाए। एक अन्य याचिका में इस योजना का लाभ दिल्ली से बाहर रहे अधिवक्ताओं को भी देने की मांग की गई है।