जिगिसा घोष हत्या में नया खुलासा, हरियाणा पुलिस ने कटवा दी थीं अंगुलियां
वर्ष 2009 के चर्चित जिगिसा घोष हत्या कांड में नया खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि हरियाणा पुलिस ने जिगिसा के शव के हाथों की दसों अंगुलियों के एक तिहाई हिस्से कटवा दिए थे।
नई दिल्ली। वर्ष 2009 के चर्चित जिगिसा घोष हत्या कांड में नया खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि हरियाणा पुलिस ने जिगिसा के शव के हाथों की दसों अंगुलियों के एक तिहाई हिस्से कटवा दिए थे। इसके बाद उन्हें जांच के लिए करनाल स्थित मधुबन की लैब में भिजवा दिया था।
इस बात का खुलासा साकेत कोर्ट में एक गवाह के बयान पर जिरह के दौरान हुआ। जिगिसा के परिजनों ने जब यह हकीकत सुनी तो वे रो पड़े। अदालत ने इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए हरियाणा पुलिस से जवाब मांगा है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव की अदालत में इस पूरे मामले का खुलासा एक गवाह के बयान पर जिरह के दौरान शुक्रवार को हुआ। एफएसएल मुधबन, करनाल की सीनियर साइंटिफिक अफसर गायत्री सेन ने अदालत में एक अप्रैल 2013 को दिए अपने बयान में कहा था कि उन्हें जांच के लिए 19 मई 2009 को तीन पार्सल मिले थे।
इनमें से दो पार्सल में जिगिसा के कपड़े, सेंडल व दूसरा सामान था। एक पार्सल में हाथ की 10 अंगुलियों के नेल बैक्सि (अंगुलियों का नाखूनों वाला एक तिहाई हिस्सा) थे। यह नेल बैक्स एक जार में रखे गए थे।
सेन ने कहा था कि उन्होंने पचास से ज्यादा मामलों की एफएसएल जांच की थी, लेकिन कभी ऐसा नहीं देखा। एफएसएल जांच के लिए अंगुलियों के हिस्से भेजने की कोई जरूरत नहीं थी। इतना ही नहीं, ऐसा करने के लिए सूरजकुंड थाने के एसआइ राज सिंह ने किसी अधिकारी की अनुमति भी नहीं ली थी।
जब अदालत में मौजूद जिगिसा घोष के परिजनों ने शव के साथ क्रूरता की दर्दनाक दास्तां सुनी तो वे रो पड़े। वहीं, अदालत में जिगिसा घोष हत्याकांड की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस भी इस बात का जवाब नहीं दे पाई कि अंगुलियों के एक तिहाई टुकड़े क्यों काटकर भेजे गए थे?
उधर, इस पूरे मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता दीपक शर्मा ने अदालत को बताया कि उनसे वसंत विहार थाने के तत्कालीन एसएचओ पलविंदर सिंह चहल ने कहा था कि फरीदाबाद के अस्पताल में जिगिसा के शव का पोस्टमार्टम हरियाणा पुलिस वाले ही करवा रहे थे, लेकिन अंगुलियों के हिस्से काटने की जानकारी उनके सामने भी नहीं आई थी।
ज्ञात हो कि जिगिसा के शव का पोस्टमार्टम बादशाह खान अस्पताल फरीदाबाद में हुआ था। हरियाणा पुलिस के एसआइ राज सिंह के कहने पर शव की दसों अंगुलियों के हिस्से काटकर जांच के लिए करनाल स्थित मधुबन के एफएसएल भेजे गए थे। उस समय एसआइ राज सिंह सूरजकुंड थाने में तैनात था।
जिगिसा का शव इस इलाके से 20 मार्च 2009 को एक शख्स हाकम की सूचना पर बरामद किया गया था। शव के पंचनामे व पोस्टमार्टम की कार्रवाई एसआई राज सिंह ने ही पूरी की थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में बीपीओ कर्मचारी जिगिसा घोष की दिल्ली में लूटपाट कर हत्या कर दी गई थी।
उन्हीं दिनों इसी तरीके से पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की भी हत्या की गई थी। वसंत विहार थाना पुलिस ने जिगिसा हत्याकांड में रवि कपूर व उसके साथियों को 23 मार्च 2009 को गिरफ्तार किया था।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पत्रकार सौम्या की हत्या की बात भी स्वीकार की थी। आरोपियों के खिलाफ साकेत कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।