ज्ञानी जैल सिंह के समाधि के निकट बनीं नरसिम्हाराव की समाधि
कांग्रेस नेता व पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव की राजघाट पर समाधि बन कर तैयार हो गई है। अब फिनिसिंग का कुछ काम शेष रह गया है। मगर राजघाट घूमने आए दक्षिण भारत के कई लोग 28 जून को उनकी जयंती पर उनकी समाधि पर गए और उन्हें नमन किया।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस नेता व पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव की राजघाट पर समाधि बन कर तैयार हो गई है। अब फिनिसिंग का कुछ काम शेष रह गया है। मगर राजघाट घूमने आए दक्षिण भारत के कई लोग 28 जून को उनकी जयंती पर उनकी समाधि पर गए और उन्हें नमन किया।
ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता व पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की समाधि इसलिए चर्चा में है कि कांग्रेस के शासन काल में इसे नहीं बनाया गया। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस के ही कुछ लोगों ने इस समाधि को राजघाट पर नहीं बनने दिया। मगर केंद्र में सत्तासीन भाजपा की सरकार इस समाधि को बनवा रही है। इसमें केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
नरसिम्हा राव पूर्व राष्ट्रपति व कभी राजीव गांधी के करीबी रहे राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के निकट स्थान लेंगे। यह समाधि राजघाट के एकता स्थल पर बनी है। एकता स्थल में पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के अलावा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह व केआर नारायणन व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की भी समाधि है।
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने समाधि को तैयार के के लिए दो माह का समय दिया था। जिसके अभी 15 दिन ही बीते हैं। मगर गत दिनों उनके मंत्रालय ने राव की समाधि को एक माह के अंदर तैयार कर लेने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह वह समाधि पर आ सकते हैं।
समाधि तैयार हो गई है, अब समाधि पर जाली और चारों ओर लाल पत्थर लगाने का काम शेष है। इसके लिए राजस्थान से तैयार किए हुए पत्थर आने हैं। समाधि के पास ही उनके नाम का पत्थर लगा दिया गया है और उस पर जीवनी भी लगा दी गई है।
नरसिंह राव का संक्षिप्त परिचय
- पामुलापति वेंकट नरसिंह राव का जन्म 28 जून 1921 को तथा उनकी मृत्यु 23 दिसम्बर 2004 को हुई।
- वह भारत के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में जाने जाते हैं।
- 1991 में हुए आम चुनाव में 232 सीटें जीतने वाली सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के नेता के रूप में नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने और स्पष्ट बहुमत न होने पर भी पांच साल तक सरकार चलाई।