लीड : गुरुद्वारों में अखंड पाठ शुरू
गुरुद्वारों में गुरु पर्व को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पश्चिम विहार इलाके के प्रमुख गुरुद्वारों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ शुरू हो चुका है। संगतों का जत्था गुरुद्वारे पहुंचने लगा है।
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त्योहार
- गुरु पर्व के लिए गुरुद्वारों में तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
- गुरुद्वारों में अखंड पाठ का दौर शुरू, पाठ सुनने पहुंच रही संगत जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : गुरु पर्व में अब एक दिन शेष बचा है, गुरुद्वारों में इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। इलाके के गुरुद्वारों में अखंड पाठ का दौर शुरू हो गया है, जो शुक्रवार सुबह तक चलेगा।
शुक्रवार को मनाए जाने वाले इस पर्व से पूर्व पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर, विष्णु गार्डन, इंद्रा पार्क, ख्याला, केशोपुर, गुरु नानक नगर, विकासपुरी, जनकपुरी, राजौरी गार्डन, हरिनगर, उत्तम नगर सहित अन्य इलाकों में स्थित गुरुद्वारे पूरी तरह सज गए हैं। रात के समय रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए ये गुरुद्वारे अपनी आभा बिखेर रहे हैं। बुधवार से शुरू हुए पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ को सुनने के लिए जत्थों के गुरुद्वारा पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है। गुरुद्वारों में संगतों की चहल-पहल देखते ही बनती है। कई गुरुद्वारों में इस अवसर पर विशेष लंगर शुरू किया गया।
दूसरी ओर गुरु नानक नगर, साहेबपुरा, संतगढ़ व पृथ्वी पार्क, इंद्रा पार्क, तिलक नगर, फतेह नगर, जनकपुरी के गुरुद्वारों में इन दिनों तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। गुरुद्वारों में कहीं फूलों से सजावट की जा रही है तो कहीं बिजली की रंगीन लड़ियों से गुरुद्वारे के भीतरी हिस्से को सजाया जा रहा है।
गौरतलब है कि दिवाली के दिन से ही गुरु पर्व की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इसके अंतर्गत रोजाना सुबह विभिन्न गुरुद्वारों के द्वारा प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं। प्रभात फेरियों का यह सिलसिला गुरु पर्व तक चलता रहता है। बॉक्स
अभी रोजाना प्रभात फेरी निकाली जा रही है। गुरु पर्व के दिन शुक्रवार को बड़ी प्रभात फेरी निकाली जाएगी। जो पूरे उत्तम नगर, मिलापनगर इलाके से गुजरेगी। अभी गुरुद्वारे में अखंड पाठ शुरू हो चुका है। गुरुद्वारे की सजावट का कार्य अंतिम चरण में है।
- इकबाल सिंह, प्रधान, श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा, उत्तम नगर पूर्व बॉक्स
गुरु पर्व को लेकर क्षेत्र के तमाम गुरुद्वारों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार के लिए रागियों को आमंत्रित किया गया है। गुरु पर्व को हम प्रकाशोत्सव के रूप में मनाते हैं।
- सुरजीत ¨सह दुग्गल, अध्यक्ष, पंजाबी एंड सिख वेलफेयर सोसायटी बॉक्स
गुरुनानक देव ने समाज को एकता में बांधने और जाति-पाति को मिटाने के लिए कई उपदेश दिए थे। सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। सिख धर्म के अनुयाइयों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी इस दिन को बड़े ही धूमधाम से प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं।
भवनीत ¨सह पहवा, जनकपुरी समाप्त
गौतम कुमार मिश्रा
21 नवंबर 18