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निवेशकों से करोड़ों की ठगी में ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर का मालिक विजय गुप्ता गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने निवेशकों से करोड़ों की ठगी में ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के 67 वर्षीय मालिक विजय गुप्ता को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने लोगों को यमुना एक्सप्रेसवे के समीप ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-22डी में आवसीय परियोजना में किफायती दर पर फ्लैट और भूमि देने का झांसा दिया था। रुपये जमा करने के बाद जब निवेशकों को फ्लैट और जमीन नहीं दिए गए तो उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस से की। फिलहाल 22 लोगों ने करीब पांच करोड़ रुपये ठगे जाने की शिकायत की है। पुलिस अधिकारी को उम्मीद है कि अब कई अन्य पीड़ित भी सामने आएंगे। इस मामले से उनकी भी शिकायत जोड़ ली जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 09:47 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 09:47 PM (IST)
निवेशकों से करोड़ों की ठगी में ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर का मालिक विजय गुप्ता गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा के लिए भी प्रस्तावित

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फोटो संख्या-14 डेल-702

- ग्रेटर नोएडा स्थित परियोजना में फ्लैट और भूमि देने के नाम पर की ठगी जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने निवेशकों से करोड़ों की ठगी में ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के 67 वर्षीय मालिक विजय गुप्ता को नई दिल्ली स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने वर्ष 2011 लोगों को यमुना एक्सप्रेस-वे के समीप ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-22 डी में आवासीय परियोजना में किफायती दर पर फ्लैट और भूमि देने का झांसा दिया था। रुपये जमा करने के बाद जब निवेशकों को फ्लैट और जमीन नहीं दी गई तो उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस से की। फिलहाल मनीष जैन समेत 22 लोगों ने करीब पांच करोड़ रुपये ठगे जाने की शिकायत की है।

ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर डॉ. ओपी मिश्रा ने बताया कि ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2011 में निवेशकों को भरोसा दिलाया था कि कंपनी 18 महीने के अंदर उनको फ्लैट अथवा भूखंड सौंप देगी। लेकिन, नौ वर्ष बीत जाने के बावजूद निवेशकों को न तो फ्लैट मिला और न ही जमीन।

उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि कंपनी ने यमुना एक्सप्रेस-वे के समीप औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा करीब 100 एकड़ भूमि के आवंटन का दावा किया था। इसकी आड़ में ही कंपनी ने निवेशकों से 323 करोड़ रुपये की राशि एकत्र की। बाद में उनमें से 170 करोड़ रुपये अन्य स्वामित्व वाली कंपनी को स्थानांतरित कर दिए गए। वहीं बाद में कंपनी निवेशकों को फ्लैट और भूमि देने के वादे से मुकर गई। डॉ. मिश्रा ने उम्मीद जताई कि जल्द ही और पीड़ित भी शिकायत लेकर आ सकते हैं।


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