ऑड-इवन से खुलेगी गाजीपुर फूल मंडी
राहुल चौहान पूर्वी दिल्ली अनलॉक-1 में बाजारों को खोलने के बाद अब दिल्ली सरकार ने गाजीपु
राहुल चौहान,, पूर्वी दिल्ली: अनलॉक-1 में बाजारों को खोलने के बाद अब दिल्ली सरकार ने गाजीपुर फूल मंडी को खोलने की भी छूट दे दी है। अब सोमवार आठ जून से मंडी को खोल दिया जाएगा। फिलहाल फूल मंडी की दुकानें ऑड-इवन से खुलेगी। फूल मंडी को लॉकडाउन से एक दिन पहले ही 24 मार्च को बंद कर दिया गया था। शनिवार को एसडीएम द्वारा मंडी को खोलने का आदेश जारी कर दिया गया। फूल मंडी के चेयरमैन विजय सिसोदिया ने बताया कि आदेश आने के बाद मंडी समिति की ओर से सभी दुकानों का सैनिटाइजेशन शुरू कर दिया गया है। दुकानों पर शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए गोले भी बनाए गए हैं। सिसोदिया ने बताया कि किसान काफी दिनों से मंडी खोलने की मांग कर रहे थे। फूल मंडी में देश के सभी राज्यों से किसान व व्यापारी फूल लेकर आते हैं। अभी कई राज्यों में फूल की फसल तैयार है। इनमें हिमाचल और राजस्थान के ग्राहकों को फूल मंडी खुलने का बड़ी बेसब्री से इंतजार था। ये लोग काफी समय से मंडी को खुलवाने के लिए आढ़तियों के पास फोन कर रहे थे। इसके बाद मंडी समिति की ओर से सरकार के पास फूल मंडी खोलने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसके बाद सरकार ने मंडी को खोलने की छूट दे दी है। वहीं सिसोदिया ने यह भी बताया कि ढ़ाई महीने से मंडी बंद रहने के कारण करीब 45-50 करोड़ रूपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। फूल मंडी में विदेशों से भी आता है फूल
फूल मंडी में थाइलैंड, हालैंड और दक्षिण अफ्रीका से भी फूल का आयात होता है। मंडी सचिव ने बताया कि था थाइलैंड से ऑर्चिड, ड्राइसीना, हॉलैंड से इलियम, ट्यूलिप, बैंकसिया और दक्षिण अफ्रीका से प्रोसिया व इलेक्स के अलावा अन्य कई तरह के फूलों का आयात होता है। इन फूलों की देश के विभिन्न मंदिरों में मांग रहती है। इन तीनों देशों से प्रतिदिन फ्लाइट से फूल दिल्ली आता है। वैष्णो देवी और खाटू श्याम भी जाता है फूल
मंडी सचिव संजीव ने बताया कि गाजीपुर फूल मंडी से नवरात्र के समय वैष्णो देवी के लिए भी फूल जाता है। यहां से भेजे गए फूलों से ही माता का दरबार सजाया जाता है। वहीं राजस्थान में खाटू श्याम के लिए यहां से प्रतिदिन फूल जाता है। अभी मंडी बंद रहने के कारण यहां फूल नहीं जा रहा था। वहीं दिल्ली के सभी प्रमुख मंदिरों , कालकाजी, झंडेवालान आदि के लिए भी फूल की आपूर्ति यहीं से होती है।