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कोहरे में भी ट्रेनों की रफ्तार धीमी नहीं होने देगा फॉग विजन कैमरा

कोहरे के कारण ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर है। कोहरे में ट्रेन की रफ्तार धीमी न हो इसके लिए दिल्ली रेल मंडल के गाजियाबाद इलेक्ट्रिक लोको शेड ने फॉग विजन कैमरा तैयार किया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2016 09:57 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2016 08:28 AM (IST)

नई दिल्ली । कोहरे के कारण ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर है। कोहरे में ट्रेन की रफ्तार धीमी न हो इसके लिए दिल्ली रेल मंडल के गाजियाबाद इलेक्ट्रिक लोको शेड ने फॉग विजन कैमरा तैयार किया है।

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इसका ट्रायल प्रयागराज एक्सप्रेस में किया जा रहा है। इसके शुरुआती परिणाम से रेलवे अधिकारी खासे उत्साहित हैं। यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो आने वाले दिनों में कई ट्रेनों की रफ्तार कोहरे की वजह से बाधित नहीं होगी।

अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के सहयोग से तैयार किए गए इस कैमरे की लागत लगभग 70 लाख रुपये है। बताया जाता है कि घने कोहरे में जब दृश्यता स्तर सिर्फ दो से तीन मीटर रह गया हो तब भी इस कैमरे से 300 मीटर तक की दूरी साफ देखी जा सकती है। इंजन में इसे लगाने पर लोको पायलट ट्रैक पर इतनी दूरी तक आसानी से देख सकेगा, जिससे कि पर्याप्त रफ्तार के साथ सुरक्षित रेल संचालन होता रहे।

प्रयाग राज एक्सप्रेस में किया जा रहा है ट्रायल

फॉग विजन कैमरे को 19 जनवरी को नई दिल्ली से इलाहाबाद के बीच चलने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस (12418) के इंजन में लगाया गया है। कैमरे के साथ एक स्क्रीन भी लगाई गई है, जिसमें ट्रैक का चित्र उभरता है। इस कैमरे में और सुधार किया जा रहा है, जिससे कि रेल सिग्नल के बारे में सही जानकारी मिल सके। अधिकारियों का कहना है कि यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो कोहरे से रेल परिचालन में आने वाली बाधा दूर हो जाएगी।

अभी फॉग डिवाइस व पटाखे का लिया जाता है सहारा

कोहरे में सुरक्षित रेल परिचालन बड़ी चुनौती है। इसके लिए अभी फॉग डिवाइस और पटाखे का सहारा लिया जाता है। इससे लोको पायलट की दृश्यता तो नहीं बढ़ती है, लेकिन उसे सिग्नल की जानकारी मिल जाती है, जिससे कि वह सचेत हो जाए। इस तरह के उपायों से ट्रेन की रफ्तार नहीं बढ़ सकती है। इन दिनों भी दर्जनों ट्रेनें घंटों विलंब से चल रही हैं। काफी संख्या में ट्रेनें रद कर दी गई हैं। इस स्थिति में गाजियाबाद इलेक्ट्रिक लोको शेड की कोशिश उम्मीद जगाने वाली है।


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