राष्ट्रपति के फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल कर किया जा रहा था फर्जी विश्वविद्यालय का प्रचार, केस दर्ज
दिल्ली पुलिस साइबर सेल के अधिकारियाें द्वारा इंटरनेट मीडिया की मानिटरिंग के दौरान यह मामला सामने आया। उसके बाद वेबसाइट के मालिक अमरदीप सिंह के खिलाफ साइबर सेल में फर्जीवाड़ा की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। फर्जी डिजिटल विश्वविद्यालय के प्रचार के लिए राष्ट्रपति के फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल करने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। वेबसाइट के जरिए आरोपित द्वारा किए गए दावा में बताया गया था कि वह विक्रमशिला नाम से विश्वविद्यालय चलाता है। उक्त संस्थान भारत का पहला डिजिटल विश्वविद्यालय है। दिल्ली पुलिस साइबर सेल के अधिकारियाें द्वारा इंटरनेट मीडिया की मानिटरिंग के दौरान यह मामला सामने आया। उसके बाद वेबसाइट के मालिक अमरदीप सिंह के खिलाफ साइबर सेल में फर्जीवाड़ा की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
साइबर सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गत मई को स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। अमरदीप सिंह नाम के व्यक्ति ने अपने डिजिटल विश्वविद्यालय का प्रचार करने के लिए अपने नाम के साथ भारत के राष्ट्रपति के फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल कर रहा था। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि अमरदीप सिंह ने फर्जी लेटरहेड पर राष्ट्रपति का हस्ताक्षर खुद किया था। इसके पीछे उसकी मंशा थी कि लोगों को गुमराह कर अपने विश्वविद्यालय का तेजी से प्रचार किया जा सके।
लेटरहेड के जरिए यह बताने की कोशिश की गई कि विक्रमशिला नाम से देश के इस पहले डिजिटल विश्वविद्यालय का उद्घाटन जल्द राष्टपति करेंगे। वेबसाइट पर दो मोबाइल नंबर भी थे। वेबसाइट का नाम www.vikramshilauniversity.com दिया गया और दिल्ली के एक पते का जिक्र किया गया।
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई। वेबसाइट पर दर्ज फोन नंबरों के पते अमरदीप सिंह के घर के पते पर नोटिस भेज दिए गए गए हैं। अभी तब इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि अमरदीप सिंह की तलाश की जा रही है।