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फैक्ट्रियाों की मनमानी के खिलाफ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी में शिकायत दर्ज

शास्त्री पार्क इलाके में जूट की बोरी बनाने की फैक्ट्री बीमारियां फैला रही है। यहां लोग अस्थमा और सांस की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसके बावजूद संबंधित विभागों की नजर इन फैक्ट्रियों पर नहीं जा रही। परेशान होकर स्थानीय लोगों ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी में शिकायत

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2015 08:27 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2015 08:44 PM (IST)
फैक्ट्रियाों की मनमानी के खिलाफ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी में शिकायत दर्ज

पूर्वी दिल्ली [स्वदेश कुमार]। शास्त्री पार्क इलाके में जूट की बोरी बनाने की फैक्ट्री बीमारियां फैला रही है। यहां लोग अस्थमा और सांस की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसके बावजूद संबंधित विभागों की नजर इन फैक्ट्रियों पर नहीं जा रही। परेशान होकर स्थानीय लोगों ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी में शिकायत भेजी। प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए नगर निगम को मामले में कार्रवाई कर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।

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दरअसल, शास्त्री पार्क एफ ब्लॉक, गली नंबर तीन में प्लॉट संख्या 70 और 98 पर काफी समय से जूट की बोरी की दो फैक्ट्रियां चल रही हैं। दोनों कारखानों का मालिक एक ही शख्स है। स्थानीय लोगों की मानें तो दोनों फैक्ट्रियों में जूट की पुरानी बोरियों से नई बोरियां बनाई जाती हैं। ये बोरियां मिर्च, धनिया, कत्था और अन्य तरह के मसालो की होती हैं, जिन्हें यहां झाड़कर फिर खोला जाता है और नई बोरियां बनाई जाती हैं। इस वजह से पूरी गली में मसालों की महक और धूल-कण फैले रहते हैं। इसकी वजह से घरों में बैठे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। कई लोग इस गली में अस्थमा के शिकार हो चुके हैं।

लोगों ने फैक्ट्री मालिक से इस संबंध में शिकायत की, पुलिस को सूचना दी लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। परेशान हो कर स्थानीय निवासियों ने 12 अक्टूबर को इसकी शिकायत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को दे दी। इसमें लोगों ने बताया कि पुलिस और निगम अधिकारियों की मिलीभगत के कारण रिहायशी इलाके में इस तरह की फैक्ट्री चल रही है।

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कमेटी ने गत 19 अक्टूबर को पूर्वी नगर निगम के फैक्ट्री लाइसेंस विभाग को कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसमें कार्रवाई करने के साथ रिपोर्ट भी मांगी गई। हालांकि इसमें समय सीमा नहीं दी गई है। अब स्थानीय निवासियों ने नगर निगम से मांग की है कि वे जल्द से जल्द कार्रवाई कर उन्हें खुली और स्वच्छ हवा में सांस लेने का अवसर प्रदान करें।


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