आने वाले वर्षो में प्रदूषण घटाने को ईपीसीए ने दिए सुझाव
-पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में दी रिपोर्ट -पराली पाìकग
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को कुछ सुझाव दिए हैं। इन सुझावों के साथ-साथ ईपीसीए ने इन पर अमल के लिए समय सीमा तय करने और सख्त रवैया अपनाने की भी सलाह दी है।
सुप्रीम कोर्ट में दी गई रिपोर्ट में ईपीसीए ने पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने, पाìकग पॉलिसी को जल्द लागू करने और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने की वकालत की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पराली न जले, इसके लिए किसानों को प्रोत्साहन और मशीनरी उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर की सभी औद्योगिक इकाइयों को हर हाल में स्वच्छ ईंधन पर लाने पर भी जोर दिया है। ईपीसीए का कहना है कि कोयला वायु प्रदूषण का बड़ा स्त्रोत है, इसलिए इसकी बजाय स्वच्छ ईंधन को अपनाया जाना बहुत जरूरी है।
ईपीसीए का कहना है कि मेट्रो फेज चार, रैपिड रेल कॉरिडोर व बसों की संख्या बढ़ाने के मामले में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए इस बाबत समय सीमा भी तय होनी चाहिए ताकि कोई अनावश्यक देरी न हो।
सड़कों पर वाहनों की लगातार बढ़ रही संख्या के नियोजन की खातिर पाìकग पॉलिसी में हो रही देरी पर भी ईपीसीए ने नाराजगी जताई है। साथ ही इसे जल्द से जल्द लागू करने की बात कही है। इसके अलावा ईपीसीए ने 2022 तक थर्मल पावर प्लाटों के लिए तय मानकों का अनुपालन भी हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा है।