अब ई-पास से सफर करेंगे रेलकर्मी
ेलवे कर्मचारियों को अब यात्रा पास संभालकर नहीं रखना होगा क्योंकि जल्द ही ई-पास की सुविधा शुरू हो जाएगी।
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली
रेलवे कर्मचारियों को अब यात्रा पास संभालकर नहीं रखना होगा, क्योंकि जल्द ही ई-पास की सुविधा शुरू हो जाएगी। रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) ने प्रायोगिक तौर पर यह सुविधा दक्षिण मध्य रेलवे में शुरू की थी। यह प्रयोग सफल रहा है। अब उत्तर रेलवे सहित चार जोनल रेलवे में इसे शुरू करने की तैयारी है। इसके लागू होने से जहां कर्मचारियों की सुविधा होगी वहीं, यात्रा पास के दुरुपयोग के मामले रोकने में भी मदद मिलेगी।
रेल प्रशासन ने पिछले साल नवंबर में कर्मचारियों के यात्रा पास को ऑनलाइन करने का फैसला किया था। क्रिस ने इसका दक्षिण मध्य रेलवे में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसकी सफलता के बाद अब इसका दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। रेलवे बोर्ड ने उत्तर रेलवे, मध्य रेलवे मुंबई, पूर्व रेलवे कोलकाता और दक्षिण रेलवे में भी कर्मचारियों को ई-पास जारी करने का निर्देश दिया है। इसके परिणाम के आधार पर अन्य जोनल रेलवे में इस योजना को लागू करने का फैसला होगा।
इसे लागू करने के लिए क्रिस ने कार्मिक विभाग के सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव किया है। इसके साथ ही आरक्षण प्रणाली के सॉफ्टवेयर में भी बदलाव किया गया है जिससे कि कर्मचारियों को टिकट काउंटर पर किसी तरह की परेशानी नहीं हो। अब सिर्फ पास नंबर याद रखना होगा। ऑनलाइन इसकी औपचारकिता पूरी की जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि यह पर्यावरण अनुकूल है और इससे फर्जीवाड़ा भी रुकेगा। कई स्थानों पर दूसरे के पास लेकर सफर करने के मामले भी सामने आ चुके हैं। ई-पास में पूरा ब्योरा ऑनलाइन रहेगा और वैध पास धारक को ही टिकट जारी होगा। किसी तरह की गड़बड़ी होने पर उसे पकड़ने में भी आसानी होगी। कर्मचारियों को मिलने वाला यात्रा पास:-
-राजपत्रित अधिकारियों को एक साल में छह और सेवानिवृत्त होने पर तीन पास मिलते हैं। इस पास से वह एवं उनके आश्रित मुफ्त रेल सफर कर सकते हैं। गैर राजपत्रित कर्मचारियों को साल में तीन व सेवानिवृत्त होने पर दो पास दिए जाते हैं।
-रेल कर्मियों को चार पीटीओ (प्रिविलेज टिकट ऑर्डर) भी मिलता है। पीटीओ से सफर करने के लिए एक तिहाई किराया देना पड़ता है।