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जवाब मांगा पर सुनने के बजाय हुआ हंगामा करता रहा विपक्ष

पिछले कई महीनों से सदन की बैठक नहीं हो पा रही थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 11:40 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:13 AM (IST)
जवाब मांगा पर सुनने के बजाय हुआ हंगामा करता रहा विपक्ष
जवाब मांगा पर सुनने के बजाय हुआ हंगामा करता रहा विपक्ष

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली:

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पिछले कई महीनों से सदन की बैठक नहीं हो पा रही थी। इस बार बैठक हुई तो आशा थी कि नए महापौर व नए नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद सदन का नजारा बदलेगा। लेकिन इस बार भी पहले जैसा ही हुआ। जिस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर जवाब मांगा, उसका जवाब तत्काल मिलना शुरू हो गया, लेकिन जवाब को अनसुना करके विपक्ष के पार्षदों ने वेल में आकर और महापौर के आसान तक पहुंच कर हंगामा किया। वे महापौर के टेबल को पीटते रहे। इतना ही नहीं, विपक्ष के पार्षदों ने स्थायी समिति चेयरमैन के हाथ से न केवल एजेंडा की फाइल छीन कर उसके चिथड़े कर दिए, बल्कि उनका चश्मा भी तोड़ दिया। हाथापाई की स्थिति बन गई थी, लेकिन स्थिति काबू में आ गई। जैसे ही सदन की बैठक शुरू हुई, महापौर ने अल्पकालीन प्रश्न के तहत नालों की सफाई और सफाई न होने से हो रहे जलभराव की चर्चा शुरू करवाने की इजाजत दी। लेकिन इसी बीच विपक्ष की नेता गीता रावत, रेखा त्यागी, साजिद खान, विमलेश, मुकेश यादव, रामराज तिवारी सहित अन्य ने बूचड़खाना चलाने वाली कंपनी को दो साल का विस्तार दिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने महापौर से जवाब मांगा और तख्तियां लेकर नारेबाजी करने लगे। महापौर ने निगम कानून का कितनी ही बार हवाला दिया और कहा कि यह लोकतांत्रिक तरीका नहीं है। फिर महापौर ने इस पूरे प्रकरण में जवाब देने के लिए स्थायी समिति चेयरमैन सत्यपाल सिंह को कहा। सत्यपाल सिंह जवाब देने लगे, लेकिन विपक्ष के पार्षद जवाब सुनने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने महापौर से इस्तीफा मांगा और उन पर बूचड़खाना चलाने वाली कंपनी एलाना से सांठगांठ होने का आरोप लगाया। इसी बीच विपक्ष के पार्षदों ने सत्यपाल सिंह से एजेंडा व जवाब की कॉपी छीन ली और उसे फाड़ दिया। साथ ही उन्होंने माइक बंद कर हाथापाई की कोशिश की और उनका चश्मा छीन लिया, जिससे वह टूट गया। इस बीच सत्ता पक्ष के दीपक मल्होत्रा सहित अन्य पार्षदों ने विपक्ष के पार्षदों से पोस्टर छीन लिए और उसे फेंक दिया। इसी बीच विपक्ष के सदस्य पोडियम पर चढ़ कर महापौर के आसन तक पहुंच गए और उनका घेराव कर उनसे इस्तीफे की मांग की। महापौर ने महिला पार्षदों ने कई बार आग्रह किया वह अपनी सीट पर चले जाएं। लेकिन किसी ने बात नहीं मानीं।

भारी हंगामे के बीच महापौर ने सदन की कार्रवाई जारी रखते हुए एजेंडे पर चर्चा शुरू करवा दी। नेता सदन और स्थायी समिति चेयरमैन ने आवश्यक प्रस्ताव को पास और निलंबित करने का कार्य किया। हंगामे के बीच ही प्रस्ताव पर चर्चा कर बैठक स्थगित कर दी गई। विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई होगी : महापौर

महापौर निर्मल जैन ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने लोकतांत्रिक

व्यवस्था का गला घोंटा है। सारी मर्यादाएं तोड़ दीं। उन्होंने इसकी पूरी रिपोर्ट मंगवाई है उसके अनुसार दोषी पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

------------- आम आदमी पार्टी का लोकतंत्र पर विश्वास ही नहीं : प्रवेश शर्मा

नेता सदन प्रवेश शर्मा ने कहा कि पार्टी से इन्हें संस्कार ही नहीं मिला है, कानून सम्मत कार्य क्या होते हैं। सदन में गुंडागर्दी की जाती है, इससे लगता ही नहीं कि इनका सभ्य समाज से नाता है। इन्हें जनता के हितों से मतलब नहीं है।

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एलाना की शर्तो के अनुसार काम क्यों कर रही है : गीता रावत

विपक्ष की पार्षद गीता रावत ने कहा कि सत्ता पक्ष जो जवाब दे रहा था, वह रटा रटाया है। अगर इनकी सांठगांठ न होती तो इन्होंने अब तक टेंडर क्यों नहीं किया था। पहले के दो टेंडर एलाना की शर्तों के अनुसार क्यों हुए थे, पहले के दोनों टेंडर में बड़ा घपला हुआ था। जब आम आदमी पार्टी ने मामले को उठाया तब टेंडर की शर्तें आसान की गईं। यह काम पहले क्यों नहीं किया गया था। हर बार यही होता है जब कार्य समाप्त हो जाता है तब टेंडर किया जाता है। सेवा विस्तार के नाम पर घपला किया जाता है।


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