डीएसजीपीसी के अध्यक्ष जीके पर फंड के दुरुपयोग का आरोप
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके पर अनियमितता का आरोप लगाया गया है। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष व कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और वर्तमान सदस्य गुरमीत सिंह शंटी ने जीके पर फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की है। वहीं, कमेटी ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे विरोधियों की बौखलाहट करार दिया है।
सरना ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दावा किया कि जीके के खिलाफ लाखों रुपये के घोटाले का साक्ष्य उपलब्ध है। उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष को सोमवार को फोन करके सफाई देने की मांग की थी। इस पर उन्होंने दो दिनों का समय मांगा था। इस बीच पता चला कि अध्यक्ष ने अपना पद छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि बैंकों में जमा कमेटी और शैक्षणिक संस्थानों के 122 करोड़ रुपये से अधिक के फिक्स डिपॉजिट को खत्म कर दिया गया है। कमेटी की वित्तीय हालत इतनी खराब हो गई है कि कर्मचारियों को वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिख विरासत की किताबें छपवाने के नाम पर फर्जी कंपनियों को 40 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। इसके साथ ही कमेटी के अध्यक्ष ने अपनी पुत्री की बंद कंपनी से अपने सुरक्षा कर्मियों के लिए तीन लाख रुपये की वर्दी खरीदी है। कुछ महीने पहले बेनामी कंपनियों से घटिया देसी घी खरीदने का मामला भी सामने आया था। इस मामले की जांच पटियाला हाउस कोर्ट के मजिस्ट्रेट की देखरेख में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है।
वहीं, शंटी ने भी प्रेस वार्ता करके सिख विरासत की किताबों में अनियमितता का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने विदेश से मिले 51 लाख रुपये के शिक्षा फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने जीके द्वारा कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ जारी सीडी के पीछे भी घोटाले की आशंका जताई है। इस सीडी के जरिये टाइटलर पर सिख विरोधी दंगे में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। इससे नाराज कांग्रेस नेता ने जीके के खिलाफ मानहानि का केस भी किया है।
दूसरी ओर डीएसजीपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि बैंक खातों के जरिये कमेटी के हुए लेन-देन पर सवाल उठाने का कोई तुक नहीं है। उन्होंने कहा कि शंटी सिख विरोधी दंगे के आरोपियों को बचाने में लगे हुए हैं।