एम्स में डेंगू से महिला कर्मचारी की मौत
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : राजधानी के लोग इन दिनों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया व अन्य वायरल बुखार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : राजधानी के लोग इन दिनों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया व अन्य वायरल बुखार के चपेट में हैं। अस्पतालों में वायरल बुखार से पीड़ित मरीज काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। डेंगू से एम्स की एक महिला कर्मचारी की मौत हो गई। यह इस साल दिल्ली में डेंगू से मौत का पहला मामला है। हालांकि एम्स प्रशासन ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
यह घटना 14 अगस्त की है। एम्स के सूत्रों के अनुसार उक्त महिला कर्मचारी सहायक (अटेंडेंट) के पद पर कार्यरत थी। उसके पति के निधन के बाद एम्स में अनुकंपा पर उसे नौकरी मिली थी। वह एम्स के आवासीय परिसर एबी नगर में रहती थी। वह कई दिनों से बीमार थी और करीब सात दिन एम्स में भर्ती रही थी। बताया जा रहा है कि एबी नगर में कई लोग डेंगू से पीड़ित हैं। इससे स्पष्ट है कि एम्स के आवासीय परिसरों में डेंगू के मच्छरों का प्रकोप है। इस घटना से कर्मचारी सहमे हुए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि इस साल डेंगू की रोकथाम के लिए दवाओं का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। इस वजह से डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं। इस बाबत एम्स प्रशासन से संपर्क करने पर कोई जवाब नहीं मिला। निगम के आंकड़े संदेहास्पद :
डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया की रोकथाम की जिम्मेदारी नगर निगम के कंधों पर है। मच्छरों की उत्पत्ति और इन बीमारियों की रोकथाम में नाकाम नगर निगम भी मामले को दबाने में जुटा हुआ है। अस्पतालों के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं।
नगर निगम के अनुसार दिल्ली में इस साल नौ अगस्त तक मलेरिया के 128, डेंगू के 130 व चिकनगुनिया के 87 मामले सामने आए हैं। इनमें से डेंगू के 64 मामले व चिकनगुनिया के 41 मामले ही दिल्ली के हैं, जबकि अकेले सफदरजंग अस्पताल में डेंगू के 122 मामले सामने आए हैं। सफदरजंग अस्पताल में 1900 से ज्यादा डेंगू के संदेहास्पद मामले देखे गए हैं। इनमें से 122 मरीजों के डेंगू से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है। अन्य मरीज वायरल बुखार से पीड़ित थे, जिनमें डेंगू जैसे लक्षण थे। आरएमएल अस्पताल में जुलाई तक ही डेंगू के संभावित 502 व चिकनगुनिया के संभावित 489 मामले आ चुके थे। इसमें से 37 मरीजों में डेंगू व 62 मरीजों में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई थी। इस तरह इन अस्पतालों को मिलाकर ही डेंगू के 159 मामले आ चुके हैं। यहां केंद्र, दिल्ली सरकार व नगर निगम के सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों का बड़ा नेटवर्क मौजूद है। उन सभी अस्पतालों में डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के इलाज की सुविधा है। इसलिए उन बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या नगर निगम द्वारा बताए जा रहे आंकड़ों से कहीं ज्यादा है।