Move to Jagran APP

अब तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को भी 180 दिनों का मातृत्व अवकाश

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को मातृत्व अवकाश का लाभ मिलेगा। विभाग ने दिल्ली महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद मातृत्व अवकाश लाभ देने के मामले में स्पष्टीकरण जारी किया है। आयोग ने इस मामले में विभाग को नोटिस जारी किया था। आयोग ने बताया कि दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन(डीएमए) ने आयोग को पत्र लिखकर महिला तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को मातृत्व अवकाश मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। यहां नियमित डॉक्टरों को 1

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 08:56 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 08:56 PM (IST)
अब तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को 
भी 180 दिनों का मातृत्व अवकाश
अब तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को भी 180 दिनों का मातृत्व अवकाश

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली

loksabha election banner

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को भी अब नियमित डॉक्टरों की तरह 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलेगा। इस संबंध में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने स्पष्टीकरण दिया है। बता दें कि दिल्ली महिला आयोग ने विभाग को नोटिस जारी किया था।

दिल्ली महिला आयोग के अनुसार, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने उसे पत्र लिखकर तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को मातृत्व अवकाश नहीं दिए जाने के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। यहां की नियमित डॉक्टरों को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलता था। वहीं तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को केवल 84 दिनों का ही मातृत्व अवकाश मिलता था। इस पर आयोग ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को नोटिस भेजकर कहा कि सभी को मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम 2017 के अनुसार मातृत्व अवकाश दिया जाए। इस नियम के अनुसार मातृत्व अवकाश लाभ की अवधि बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दी गई है जो 1961 के कानून में 12 सप्ताह थी। आयोग ने विभाग से नियमित और तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को मातृत्व अवकाश का लाभ सामान रूप से देने और दोनों में भेदभाव न करने को कहा है।

आयोग के नोटिस के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने कहा कि वह मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम 2017 के तहत केंद्रीय दिशा-निर्देश बना रहा है। इस संबंध में दिल्ली के अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी किया था, जिसमें तदर्थ रेजिडेंट डॉक्टरों को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश और छह सप्ताह का गर्भपात अवकाश देने का प्रावधान था। दिशा-निर्देशों के मुताबिक मातृत्व अवकाश का लाभ उन सभी कर्मचारियों को उपलब्ध होगा, जिन्होंने प्रसव की अपेक्षित तिथि से पहले बारह महीनों में 160 दिनों के लिए उस दफ्तर में काम किया है। चाहें वे नियमित हों या अनियमित। आयोग ने इन दिशा-निर्देशों को चुनौती दी और कहा कि मातृत्व अवकाश का लाभ संशोधन अधिनियम 2017 के अनुसार प्रसव से पहले काम करने की अवधि 160 दिन की जगह 80 दिन है। इसके बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने शुद्धि पत्र जारी किया है। इसमें दिशा-निर्देशों में काम करने की अवधि 160 की जगह 80 दिन कर दी गई।

---------

मातृत्व अवकाश हर महिला का अधिकार है। यह बहुत दुख की बात है कि नौकरशाह इस अधिकार देने में लापरवाही बरतते हैं।

- स्वाति जयहिद, अध्यक्ष, दिल्ली महिला आयोग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.