दिल्ली के स्कूल अब हर आपदा के लिए रहेंगे तैयार, CM रेखा गुप्ता ने विशेष अभियान का किया आगाज
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 'आपदा के लिए तैयार स्कूल सुरक्षा अभियान' की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि स्कूलों को आपदा के लिए तैयार रहना चाहिए और उनमें सभी आवश्यक सुविधाएँ होनी चाहिए। इस अभियान का उद्देश्य स्कूलों में आपदा प्रबंधन योजना बनाना और मॉक ड्रिल आयोजित करना है। शिक्षकों और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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दिल्ली के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए Disaster Ready Schools Campaign की शुरुआत हो रही है।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि देश और दिल्ली को आपदा के लिए तैयार रहना बेहद जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्कूलों को किसी भी समय परिसर में मौजूद हजारों बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सुसज्जित होना चाहिए। पूसा रोड स्थित एक निजी स्कूल से दिल्ली के छह शैक्षणिक जिलों में 'आपदा के लिए तैयार स्कूल सुरक्षा अभियान' का शुभारंभ करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में गुप्ता ने कहा कि इस पहल से शैक्षणिक संस्थानों में तैयारी और प्रतिक्रिया प्रणाली मजबूत होगी।
उन्होंने कहा, "यह बहुत जरूरी है कि हमारा देश और शहर आपदा के लिए तैयार रहे। स्कूलों को आपदा के लिए तैयार रहना चाहिए जहां एक समय में हजारों बच्चे मौजूद हों। किसी भी आपदा से निपटने के लिए स्कूल में सभी सुविधाएं मौजूद होनी चाहिए।" उन्होंने बताया कि देश भर में चलाए जाने वाले इस अभियान की शुरुआत दिल्ली के एक स्कूल से हुई है।
उन्होंने कहा कि आपदा-तैयार स्कूल एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है। दिल्ली किसी भी तरह की आपदा से निपटने में सक्षम शहर बनेगा। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और शिक्षा मंत्री आशीष सूद भी इस अवसर पर उपस्थित थे। एक्स पर एक पोस्ट में, गुप्ता ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक स्कूल एक आपदा प्रबंधन योजना तैयार करे और नियमित रूप से मॉक ड्रिल आयोजित करे ताकि बच्चों को पता चले कि आपात स्थिति के दौरान शांत रहकर उन्हें तुरंत क्या कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे किसी भी वास्तविक संकट में कई लोगों की जान बचाने में मदद मिल सकती है। यह पहल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनओएमए), दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीओएमए) और शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित की जा रही है।

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