हवा की रफ्तार ने बजाई खतरे की घंटी, दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
दिल्ली में स्मॉग जैसे हालात बने रहे। सुबह छह से नौ बजे के दौरान और दोपहर तीन बजे के बाद वातावरण में प्रदूषित कण नजर आए, जिसकी वजह से स्मॉग छाया रहा।
नई दिल्ली, जेएनएन। दशहरा पर्व के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 32 प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 और पीएम 10 का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में 300 से ज्यादा दर्ज हुआ। 30 स्टेशनों में एक्यूआइ 310 से ज्यादा दर्ज हुआ। जबकि दो स्टेशनों में यह 400 के पार चला गया। मथुरा रोड में 416 और द्वारका सेक्टर-8 में 406 एक्यूआइ दर्ज हुआ। शनिवार को दिल्ली में दिन भर वातावरण में स्मॉग जैसे हालात बने रहे। सुबह छह से नौ बजे के दौरान और दोपहर तीन बजे के बाद वातावरण में प्रदूषित कण नजर आए, जिसकी वजह से स्मॉग छाया रहा।
आगे कैसा रहेगा मौसम और प्रदूषण का स्तर
स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर रहने की उम्मीद है, क्योंकि हवा बिल्कुल नहीं चलेगी। साथ ही तापमान भी धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
पराली का प्रदूषण दो से चार दिनों तक नहीं करेगा तंग
मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने कहा कि अभी उत्तर-पश्चिम दिशा से हवाएं नहीं चल रही हैं। इस वजह से पराली का प्रदूषण दिल्ली में भयावह स्थिति तक नहीं पहुंच रहा है। अगले चार दिनों तक तेज गति से उत्तर पश्चिम दिशा से हवाएं चलनी की उम्मीद कम है। दक्षिण-पश्चिम दिशा से भी हवाएं चल सकती हैं।
कैसा रहा प्रदूषण का स्तर
ऐसा माना जा रहा है कि रावण जलने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। क्योंकि सीपीसीबी का दिल्ली का एक्यूआइ शुक्रवार को 276 दर्ज हुआ था, जो शनिवार को बढ़कर 326 तक पहुंच गया। विशेषज्ञों ने प्रदूषण बढ़ने के लिए मौसम के बदलते मिजाज को जिम्मेदार बताया है, क्योंकि दिल्ली में हवा बिलकुल नहीं चल रही है। वहीं दिल्ली में दशहरा के एक दिन बाद शनिवार को सीपीसीबी के प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों में एक्यूआइ 326 दर्ज हुआ, लेकिन यह 2017 में 20 अक्टूबर की तारीख से कम रहा।
बीते साल ठीक थी हवा की रफ्तार
प्रदूषण विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले साल 19 एवं 20 अक्टूबर को एक्यूआई का स्तर इसलिए ज्यादा था क्योंकि 19 अक्टूबर के दिन दिवाली थी। इस दौरान पटाखों के कारण प्रदूषण का स्तर आपातकालीन स्थिति के पास 319 व 20 अक्टूबर के दिन 403 पहुंच गया था। जबकि पिछले साल 30 सितंबर के दिन दशहरा था और इस दिन एक्यूआइ 198 दर्ज हुआ था। वहीं दशहरा से अगले दिन एक अक्टूबर को एक्यूआइ 114 दर्ज हुआ था। पिछले साल 29 सितंबर से 2 अक्टूबर के दौरान दिल्ली और आसपास के इलाकों में अच्छी रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। यही कारण है कि प्रदूषण का स्तर कम दर्ज हुआ।
ये हैं सीपीसीबी के आंकड़े
साल एक्यूआइ
20 अक्टूबर 2017 403
20 अक्टूबर 2018 326
19 अक्टूबर 2017 319
19 अक्टूबर 2018 276