सरकारी आवास खाली करने के खिलाफ पायल अब्दुल्ला की याचिका पर फैसला सुरक्षित
जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त पायल अब्दुल्ला की सरकारी बंगला खाली करने की याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली [जेएनएन ]। दिल्ली हाई कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला से अलग रह रहीं उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला की सरकारी बंगला खाली करने की याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकारी आवास तो खाली करना ही होगा लेकिन अवधि के मामला सुरक्षित रख लिया। केंद्र ने हाई कोर्ट में कहा कि पायल को विशेष खतरे की सूचना नहीं है और दूसरी जगह भी उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जा सकती है।
Delhi HC reserves order on Payal Abdullah's plea (estranged wife of Omar Abdullah) against eviction notice to vacate her govt accommodation
— ANI (@ANI_news) August 19, 2016
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के स्टेट ऑफिसर ने 30 जून को पायल अब्दुल्ला से सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। याचिका में कहा गया था कि स्टेट ऑफिसर ने उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिए बगैर घर खाली करने का आदेश दिया था। इस पर कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि यह केंद्र सरकार की संपत्ति है, जिसे उन्हें खाली करना ही होगा।
पायल और उनके बच्चों को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। ऐसे में उन्हें भी सरकारी बंगला मिलना चाहिए। पायल अब्दुला को जेड और उनके दो बेटों को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है, जिसके तहत उनकी सुरक्षा में कुल 94 पुलिसकर्मी तैनात हैं।बता दें कि वर्ष 1999 में उमर अब्दुला जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने तब उन्हें यह बंगला दिया गया था। तब से पायल अपने दो बच्चों के साथ तभी से इस बंगले में रह रहीं हैं।