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    'फेमा मामलों में ईडी महिलाओं को बुला सकती है, सीआरपीसी के तहत नहीं होगी छूट', दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 08:40 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फेमा के तहत ईडी महिलाओं को कार्यालय बुला सकती है, सीआरपीसी की धारा 160 के तहत छूट लागू नहीं होगी। अदालत ने कहा कि फ ...और पढ़ें

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    दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत महिलाओं को ईडी कार्यालय में बुला सकती है।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत महिलाओं को ईडी कार्यालय में बुला सकती है और यह सीआरपीसी की धारा 160 के तहत छूट उपलब्ध नहीं है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने माना है कि फेमा के तहत साक्ष्य की खोज और प्रस्तुति के लिए जारी किए गए समन दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के बजाय सिविल प्रक्रिया संहिता द्वारा शासित होते हैं।

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    अदालत ने कहा कि फेमा की धारा 37 के तहत प्राप्त शक्तियां आयकर अधिनियम की धारा 131 के समान हैं, जो सिविल संहिता द्वारा शासित है। इसके साथ ही अदालत ने एक कनाडाई महिला पूनम गहलोत द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया।

    महिला ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश न होने का निर्देश देने और एक वकील के माध्यम से पेश होने की अनुमति देने की मांग की थी। उन्होंने इस आधार पर समन को चुनौती दी कि वे सीआरपीसी के तहत निहित प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का उल्लंघन करते हैं।

    अदालत ने माना कि फेमा के तहत सुबूत खोजने और पेश करने के लिए जारी किए गए समन दंड प्रक्रिया संहिता के बजाय सीआरपीसी के तहत आते हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि फेमा की धारा-37 के तहत सुबूत पेश करने और बयान दर्ज करने के लिए समन एक सिविल-प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है और यह पीएमएलए के तहत आपराधिक जांच से अलग है।

    याचिका के अनुसार महिला कनाडाई नागरिक है और वसंत कुंज वसंत कुंज में रहती है। याचिका में कहा गया कि 10 अक्टूबर 2018 को आयकर विभाग के अधिकारी देर रात 12 बजे उनकी एक दूृसरी संपत्ति पर पहुंचे, जहां उनका बेटा अपनी पत्नी के साथ रहता है।

    इस मामले में ईडी ने महिला काे व्यक्तिगत तौर पर बयान दर्ज करने के लिए ईडी कार्यालय के लिए कई समन जारी किए, लेकिन महिला ने खराब स्वास्थ्य का बार-बार हवाला दिया। महिला ने ईडी से अनुरोध किया कि वह उनके घर आकर उनका बयान रिकार्ड करे। हालांकि, ईडी ने उक्त अनुरोध को स्वीकार नहीं किया।