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जीपीएस लगने से एक माह में बच रहा आठ लाख का डीजल-पेट्रोल

सरकारी कारों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिग सिस्टम) लगाने की योजना दिल्ली सरकार के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। इसके चलते प्रति माह औसतन आठ लाख रुपये से अधिक के डीजल पेट्रोल की बचत हो रही है। एक आरटीआइ में यह बात सामने आई है कि जीपीएस लगने के बाद से कारों में पेट्रोल व डीजल की खपत कम हो गई है। दिल्ली सरकार के सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने एक सवाल के जवाब में कहा है

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 10:25 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 10:25 PM (IST)
जीपीएस लगने से एक माह में बच 
रहा आठ लाख का डीजल-पेट्रोल
जीपीएस लगने से एक माह में बच रहा आठ लाख का डीजल-पेट्रोल

वीके शुक्ला, नई दिल्ली

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सरकारी कारों में ग्लोबल पोजिशनिग सिस्टम (जीपीएस) लगाने की योजना दिल्ली सरकार के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। इसके चलते प्रति माह औसतन आठ लाख रुपये के डीजल व पेट्रोल की बचत हो रही है। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात सामने आई है कि जीपीएस लगने के बाद से सरकारी कारों में पेट्रोल व डीजल की खपत कम हो गई है। सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का कहना है कि गत वर्ष सितंबर और अक्टूबर में 8 लाख 31 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से पेट्रोल व डीजल की बचत हुई है।

दिल्ली सरकार को शिकायत मिल रही थी कि सरकारी कारों का दुरुपयोग किया जा रहा है। कुछ अधिकारी नियमों का उल्लंघन कर उनका निजी कार्य में भी उपयोग कर रहे हैं। इस पर सरकार वर्ष 2018 में कारों में जीपीएस लगाने की योजना लेकर आई। सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश दिया था कि जिन कारों में जीपीएस नहीं होगा, उन्हें ईधन नहीं दिया जाएगा। इसके बाद कारों में जीपीएस लगने शुरू हुए। यह काम काफी देर से पूरा हुआ, लेकिन इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इससे पेट्रोल व डीजल की खपत कम हुई है।

सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग दिल्ली सरकार के वाहनों के लिए पेट्रोल व डीजल की व्यवस्था करता है। अगस्त 2018 से जीपीएस लगने शुरू हुए थे। अगस्त 2018 में 66674 लीटर पेट्रोल और 17226 लीटर डीजल की खपत हुई थी। दिसंबर में यह आंकड़ा 40571 लीटर पेट्रोल व 10471 लीटर डीजल तक पहुंच गया। आकलन करें तो एक साल में सरकार को एक करोड़ रुपये की बचत होगी। -----------------------------------

मैंने दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग में भी आरटीआइ दायर की थी, लेकिन वहां से कोई जानकारी ठीक से नहीं मिली। इसके बाद सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग में आरटीआइ लगाई। इस विभाग के यांत्रिकी खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता ने जो जानकारी दी है, उससे स्पष्ट होता है कि जीपीएस लगने के बाद पेट्रोल व डीजल की खपत कम हुई है।

नरेंद्र सिंह, अध्यक्ष, दिल्ली सरकार वाहन चालक समिति

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जीपीएस को लेकर भी हो चुका है विवाद

जीपीएस को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली की लोकायुक्त के बीच ठन चुकी है। लोकायुक्त ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर जीपीएस से छूट मांगी थी, लेकिन दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने उन्हें पत्र लिख कर छूट देने से इन्कार कर दिया था। इसके अगले दिन लोकायुक्त ने अधिवक्ता विवेक गर्ग की शिकायत पर भाजपा के तीन विधायकों सहित आप के 67 विधायकों को संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए पत्र जारी किया था। आप विधायकों ने इसे बदले की कार्रवाई माना था।

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गत वर्ष ईधन की खपत (लीटर में)

माह-पेट्रोल-डीजल

अगस्त-66674-17226

सितंबर- 62122-14710

नवंबर- 38382- 8070

दिसंबर-40571-10471

(नोट: सरकारी कारों में प्रयुक्त ईधन की जानकारी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने दी है। ) सराहनीय कदम संपादकीय


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