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बूचड़खाना मामले में महापौर व अधिकारियों की भूमिका जांच करे सीवीसी: दुर्गेश पाठक

गाजीपुर स्थित बूचड़खाना बुधवार से चालू हो गया। इसके साथ ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा टेंडर भी जारी कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 02:17 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 06:14 AM (IST)
बूचड़खाना मामले में महापौर व अधिकारियों की भूमिका जांच करे सीवीसी: दुर्गेश पाठक
बूचड़खाना मामले में महापौर व अधिकारियों की भूमिका जांच करे सीवीसी: दुर्गेश पाठक

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली:

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गाजीपुर स्थित बूचड़खाना बुधवार से चालू हो गया। इसके साथ ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा टेंडर भी जारी कर दिया गया है। लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस मामले में महापौर और निगम अधिकारियों पर कंपनी के साथ सांठगांठ का आरोप लगाते हुए इसकी केंद्रीय सतर्कता आयोग से जांच कराने के लिए पत्र लिखा है। इसके साथ ही इस संबंध में उपराज्यपाल को भी पत्र लिखा गया है। जिससे कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के तीनों निगमों के पार्टी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने दिल्ली के उप राज्यपाल और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को पत्र लिखकर गाजीपुर स्लॉटर हाउस की टेंडर प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों को लेकर पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर निर्मल जैन और निगम अधिकारियों की भूमिका की जांच करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन द्वारा गाजीपुर स्लॉटर हाउस को चलाने वाली कंपनी एलाना प्राइवेट लिमिटेड को बिना किसी नियम का पालन किए दो साल का विस्तार दे दिया गया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उनके आरोपों को जो जवाब महापौर ने दिया था वह सब झूठा निकला। यह जवाब गलत साबित हुआ कि टेंडर के लिए आवेदन सिर्फ एक ही कंपनी ने किया था। क्योंकि आवेदन करने वाली एक कंपनी के साझेदार ने मंच पर महापौर के जवाब को गलत बताया था। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के भारी दबाव के बाद आनन-फानन में नया टेंडर जारी किया गया है। लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि जो अनियमितता, जो गड़बड़ियां पिछले टेंडर को देने में की गई उसके पीछे महापौर निर्मल जैन व निगम के अधिकारियों की एलाना कंपनी के साथ क्या सांठगांठ थी? महापौर निर्मल जैन ने किसी भी अन्य कंपनी के आवेदन न करने का झूठ क्यों बोला? इन सब बातों की गहराई से जांच होनी चाहिए।

दुर्गेश पाठक ने यह भी कहा कि एलाना कंपनी की गड़बड़ियों को सत्तासीन भाजपा के महापौर बिपिन बिहारी सिंह ने ही उठाया था। सिंह ने 16 जनवरी 2019 को एक पत्र लिखकर सीवीसी से इसकी जांच करने की मांग की थी। विपिन बिहारी सिंह के साथ ही उस समय 58 निगम पार्षदों ने भी एक शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें वर्तमान महापौर निर्मल जैन भी एक थे। लेकिन इस जांच को कहां पर रोका गया, इसकी भी पड़ताल होनी चाहिए कि एलाना कंपनी के पीछे किन-किन लोगों का हाथ है।

पूरी प्रक्रिया पारदर्शी : महापौर

पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन का कहना है कि एलाना मामले में सारी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई है। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। पिछले टेंडर में जिन शर्तों को लेकर सवाल उठाया गया था, उन्हें इस बार के टेंडर में दूर कर दिया गया है। अब तो कहीं कोई गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। अब शर्तों में इतनी कटौती की गई है कि दर्जनों कंपनियां टेंडर आवेदन कर सकती हैं।


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