वायु की गुणवत्ता पर अलग से रिपोर्ट तैयार करे सीपीसीबी: एनजीटी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को वायु की गुणवत्ता पर अलग से रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में लागू ऑड-इवन फॉर्मूले के मद्देनजर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को वायु की गुणवत्ता पर अलग से रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।
एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार की पीठ ने कहा कि सीपीसीबी स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट तैयार करे। इसमें योजना लागू होने से पहले व खत्म होने के बाद तुलनात्मक अध्ययन कर जानकारी दी जाए। वहीं, एनजीटी के समक्ष सुनवाई के दौरान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने बताया कि वह योजना को लेकर पहले से ही वायु की गुणवत्ता पर रिपोर्ट तैयार कर रही है।
केजरीवाल सरकार में हर्ष, ऑड-इवन से दिल्ली में घटा प्रदूषण
एनजीटी ने यह निर्देश वैज्ञानिक महेंद्र पांडे की याचिका का निपटारा करते हुए दिया है। पूर्व में सीपीसीबी से जुड़े रहे याचिकाकर्ता ने एनजीटी से ऑड-इवन फॉर्मूले के दूसरे चरण (15 से 30 अप्रैल) के दौरान वायु की गुणवत्ता को लेकर सीपीसीबी से स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश देने की अपील की थी। याची का दावा है कि राजधानी में वाहनों से होने वाला प्रदूषण वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण नहींं है। इसके अन्य कई कारण हैं।
ऑड-इवन की सफलता के लिए केजरीवाल ने मांगा लोगों का सहयोग
याचिका में आइआइटी रूड़की की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि राजधानी में ऑड-इवन फॉर्मूले के पहले चरण में 1 से 15 जनवरी के बीच वायु की गुणवत्ता मे कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया था। सीपीसीबी के आंकड़ो के अनुसार पहले चरण में वायु प्रदूषण काफी अधिक था। बावजूद इसके सरकार अपने विज्ञापनों में ऑड-इवन फॉर्मूला कामयाब होने का प्रचार कर रही है।