कई एक्शन प्लान से होगा वायु प्रदूषण पर वार
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली इन सर्दियों में प्रदूषण पर कड़ा प्रहार करने के लिए दिल्ली के विभिन्न क्ष्
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
इन सर्दियों में प्रदूषण पर कड़ा प्रहार करने के लिए दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों का अलग-अलग एक्शन प्लान होगा। दरअसल, विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की वजह भी अलग-अलग ही सामने आई हैं। लिहाजा, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने तमाम क्षेत्रों के प्रदूषण का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट को स्थानीय निकायों को भेजकर इससे निपटने का कारगर एक्शन प्लान मांगा गया है। सीपीसीबी ने यह प्लान भेजने की समयसीमा 15 सितंबर तय की है, ताकि इसमें कुछ खामियां हों तो उन्हें समय रहते दूर किया जा सके।
सीपीसीबी की इस रिपोर्ट में सर्दियों में प्रदूषण बढ़ाने वाले तमाम कारकों का विस्तृत अध्ययन किया गया है। हर माह इस तरह की रिपोर्ट को अपडेट किया जा रहा है। यह रिपोर्ट तीनों नगर निगमों, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड और लोक निर्माण विभाग आदि को भेज दी गई है। रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि किस जगह निर्माण गतिविधियों की धूल से प्रदूषण है, कहां प्रदूषण की वजह खुले में कचरा जलाना है। कहां यातायात जाम की वजह से प्रदूषण फैलता है, कहा पर इसकी वजह औद्योगिक इकाइयां हैं। कहां के लिए क्या प्लान
आनंद विहार में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 10 प्रदूषण की बड़ी वजह है। फरवरी 2018 में आनंद विहार में इसकी मात्रा 419 एमजीसीएम (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) और द्वारका में 422 एमजीसीएम थी। ऐसे में इन दोनों जगहों पर धूल को प्रदूषण की प्रमुख वजह बताया गया है। सड़कों की धूल, निर्माण और तोड़फोड़ संबंधी कार्यो को भी एक बड़ा कारण माना गया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को इन तीनों ही वजहों को ध्यान में रखते हुए पुख्ता एक्शन प्लान तैयार करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा पंजाबी बाग, सोनिया विहार, विवेक विहार, अशोक विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, डॉ. कर्णी सिंह स्टेडियम, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, पटपड़गंज और नरेला में पीएम 2.5 को प्रदूषण की मुख्य वजह माना गया है। यह काफी घातक होता है। इसलिए यहा प्रदूषण की रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाते हुए एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया है। यहा पर भी सड़क की धूल, औद्योगिक कचरा, यातायात जाम, खुले में कचरा जलाना इत्यादि को ध्यान में रखकर ही एक्शन प्लान बनाया जाएगा। लोधी रोड क्षेत्र में प्रदूषण अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी कम है। पीएम 10 का स्तर यहा 250 एमजीसीएम से कम दर्ज किया गया है। ऐसे में यहा सड़क की धूल को खासतौर पर नियंत्रित करने के लिए कहा गया है। इसे ही ध्यान में रखकर पानी के छिड़काव और सफाई के लिए अधिक संख्या में मशीनों का प्रयोग करने को कहा गया है। -------------
वायु प्रदूषण की इस विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट से आगामी सर्दियों में काफी मदद मिलेगी। स्थानीय निकाय 15 सितंबर तक रिपोर्ट के अनुसार अपना एक्शन प्लान तैयार कर लेंगे। एक अक्टूबर से इनपर अमल प्रारंभ हो जाएगा।
-डॉ. प्रशांत गार्गवा, सदस्य सचिव, सीपीसीबी।