सीपीसीबी 13 सरकारी एजेंसियों-निकायों के खिलाफ जाएगा एनजीटी
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली तेरह सरकारी एजेंसियों और स्थानीय निकायों के खिलाफ केंद्रीय प्रदूषण्
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
तेरह सरकारी एजेंसियों और स्थानीय निकायों के खिलाफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में केस दायर करेगा। इन सभी को निर्माण कार्यो में निर्धारित मानकों की अनदेखी करने का दोषी पाया गया है। सीपीसीबी का विधि विभाग इनके खिलाफ केस को अंतिम रूप दे रहा है। करीब दस दिन के भीतर एनजीटी में ये केस दायर हो जाएंगे।
अमूमन गर्मियों में अधिक वायु प्रदूषण नहीं होता, लेकिन इस वर्ष दिल्ली में भीषण गर्मी के इस सीजन में भी एयर इंडेक्स खराब एवं बहुत खराब श्रेणी में चल रहा है। सीपीसीबी के अनुसार, हवा के बदले रुख के अलावा गर्मियों में बढे़ प्रदूषण का कारण धूल उड़ना, निर्माण कार्यो में लापरवाही और खुले में कूड़ा एवं सूखे पत्ते जलाना है। इसके मद्देनजर सीपीसीबी की दो टीमों ने लगभग गत एक माह के दौरान दिल्ली के विभिन्न 130 निर्माणस्थलों का दौरा किया। सभी जगहों पर निर्धारित मानकों की अनदेखी पाई गई। परिणामस्वरूप, इन सभी निर्माण स्थलों पर काम कर रही एजेंसियों और उन्हें अनुमति देने वाले स्थानीय निकायों को नोटिस भेजकर यहां काम बंद करने या मानकों का पालन करने को कहा गया, लेकिन कुछ ही दिन बाद जब इन टीमों ने दोबारा दौरा किया तो 82 निर्माण स्थलों पर फिर से मानकों की अनदेखी देखने को मिली। लिहाजा, इन सभी के खिलाफ सुबूत जुटाकर केस दायर करने का आदेश जारी किया गया। बॉक्स-1
इनके खिलाफ दायर होगा केस
1. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी)
2. बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस
3. बिजली वितरण कंपनी टीपीडीडीएल
4. दिल्ली ट्रांस्को
5. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ)
6. राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी)
7. दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी)
8. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी)
9. पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी)
10. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी)
11. उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी)
12. नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी)
13. दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड बॉक्स-2
दिल्ली का वायु प्रदूषण निरंतर खराब चल रहा है। सरकारी एजेंसियां ही नहीं, स्थानीय निकाय भी लापरवाही बरत रहे हैं। नोटिस भेजने के बाद भी इन्होंने सावधानी नहीं बरती इसीलिए इनके खिलाफ एनजीटी में केस दायर किया जा रहा है। इस केस में एनजीटी से इन पर जुर्माना लगाने सहित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
- ए सुधाकर, सदस्य सचिव, सीपीसीबी