पचौरी पर यौन उत्पीड़न के आरोप तय, तेजी से सुनवाई की मांग
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली साकेत कोर्ट ने द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली
साकेत कोर्ट ने द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी के खिलाफ चल रहे यौन उत्पीड़न के मामले में आरोप तय कर दिए हैं। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट चारू गुप्ता ने भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करना), 354ए (शारीरिक संपर्क बनाना, अवांछनीय और यौन रंजित टिप्पणियां करना) तथा 509 (छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें या भाव-भंगिमा प्रदर्शित करना) के तहत पचौरी पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। वहीं, आरके पचौरी ने कोर्ट से कहा कि मैं 78 साल का हूं। कृपया मामले में तेजी से सुनवाई करें। उनके वकील आशीष दीक्षित ने भी तेजी से सुनवाई की मांग की। अगली सुनवाई चार जनवरी 2019 तय की गई है। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर पीड़िता को भी उनके बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है।
गौरतलब है कि 13 फरवरी 2015 को आरके पचौरी के खिलाफ उनकी पूर्व सचिव ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। 21 मार्च 2015 को कोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी। दिल्ली पुलिस ने एक मार्च 2016 को 1400 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल कर कहा था कि उसके पास पचौरी के खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं। 2017 में ई-मेल और वाट्सएप चैट दोबारा हासिल कर पुलिस ने फिर से आरोप पत्र दायर किया था। अंतिम रिपोर्ट में कहा गया कि फोन, कंप्यूटर हार्ड डिस्क एवं अन्य उपकरणों से पुन: हासिल किए गए वाट्सएप चैट, संदेश जाली नहीं हैं। 14 सितंबर को साकेत कोर्ट ने कई चार्ज लगाने का आदेश दिया था।
पीड़िता सितंबर 2013 में टेरी से जुड़ी थीं। कुछ ही समय बाद पचौरी ई-मेल और वाट्सएप पर उसे अश्लील संदेश भेजने लगे। वह शुरू में समझ नहीं पाई कि वह इस बारे में किससे शिकायत करें, क्योंकि पचौरी टेरी के चेयरमैन थे। उन्होंने फरवरी 2015 में पचौरी के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी थीं।