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अधिकारियों के साथ मिलकर पार्षद खोजेंगे शिक्षा से वंचित बच्चे

शिक्षा समिति के सदस्य पार्षद अब अधिकारियों के साथ यमुना खादर के अलावा सड़क पर भीख मांग रहे ऐसे बच्चों की खोज में निकलेंगे जो शिक्षा से वंचित हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 08:58 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 08:58 PM (IST)
अधिकारियों के साथ मिलकर पार्षद खोजेंगे शिक्षा से वंचित बच्चे
अधिकारियों के साथ मिलकर पार्षद खोजेंगे शिक्षा से वंचित बच्चे

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : शिक्षा समिति के सदस्य पार्षद अब अधिकारियों के साथ यमुना खादर के अलावा सड़क पर भीख मांग रहे ऐसे बच्चों की खोज में निकलेंगे जो शिक्षा से वंचित हैं। तीन से 11 साल के बच्चों को निगम स्कूलों का दाखिल कराया जाएगा। अभी तक यह अधिकारियों के भरोसे था, लेकिन शिक्षा समिति की बैठक में पार्षदों ने उन पर अविश्वास जताया। उनका कहना है कि सर्वे में जितने बच्चे अधिकारियों ने खोजे हैं, हकीकत में संख्या उससे कहीं अधिक है। इस पर चेयरमैन रोमेश गुप्ता ने अधिकारियों को सर्वे में पार्षदों को साथ रखने का आदेश जारी कर दिया। इसके तहत अब शुक्रवार को अधिकारियों के साथ शिक्षा समिति के सभी सदस्य यमुना खादर में सर्वे करेंगे।

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बैठक में यह मामला सदस्य और भाजपा के जिलाध्यक्ष विनोद बछेती ने उठाया। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ महीने पहले अधिकारियों ने यमुना खादर का दौरा किया था। उस समय कहा गया था कि यहां पोर्टा केबिन में बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन अब तक इस पर काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यमुना खादर में सात से आठ हजार बच्चे हैं जो शिक्षा से वंचित हैं। जबकि निगम अधिकारियों के सर्वे में 1300 बच्चों का पता चला है। इसी तरह से उन्होंने खिचड़ीपुर को पास स्थित एक झुग्गी का उदाहरण दिया, जहां पर उनके मुताबिक सौ से अधिक बच्चे हैं लेकिन अधिकारियों के सर्वे में 35 बच्चे आए हैं। इनमें 25 का दाखिल पहले से स्कूलों में है। दस का दाखिला अभी कराया गया है और 18 प्रक्रिया में है। रोमेश गुप्ता ने प्रक्रिया में देरी की वजह पूछी तो अधिकारियों ने बताया कि जन्मतिथि के साक्ष्य नहीं होने की वजह से देरी हो रही है। इस पर शिक्षा निदेशक अल्का शर्मा ने कहा कि अभिभावकों से जन्मतिथि की पुष्टि कर आवेदन करवा कर सभी का दाखिल कर लिया जाए। इससे पहले समिति की डिप्टी चेयरपर्सन कुसुम तोमर ने सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए निगम की तरफ से किए गए उपायों की जानकारी मांगी। सदस्य स्वाति गुप्ता ने कहा कि शिक्षकों और बच्चों के बीच संवाद बना रहना चाहिए। आप पार्षद और सदस्य रेशमा ने कहा कि जाफराबाद स्थित निगम का स्कूल जर्जर हो चुका है। हर साल इसमें हादसा हो रहा है। लेकिन इसका पुनर्निर्माण करने के बजाय हर बार मरम्मत करके छोड़ दिया जा रहा है। इस पर रोमेश गुप्ता ने कहा कि वह अधिकारियों के साथ गुरुवार को स्कूल का दौरा करेंगे।

नैतिक मूल्यों के पाठ के लिए प्रस्ताव पेश समिति के सदस्य उदय कौशिक ने बच्चों को नैतिक मूल्यों का पाठ देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्यावान योजना का प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने कहा कि निगम के स्कूलों में बजट नहीं होने के कारण सुविधाएं नहीं बढ़ा सकते, लेकिन बच्चों को नैतिक मूल्यों का पाठ दे सकते हैं। हर वार्ड के एक स्कूल में इसे प्रयोग के तौर पर लागू किया जाए। जिस बच्चे का आचरण घर से स्कूल तक बेहतर रहेगा, उसे नकद पुरस्कार सहित अन्य उपायों से प्रोत्साहित करेंगे। इसके अलावा उन्होंने दूसरी कक्षा से संस्कृत विषय पढ़ाने पर भी जोर दिया।


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