जल बोर्ड में भ्रष्टाचार का बोलबाला: विजेंद्र
भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड में अनियमितता का आरोप लगाया है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री तथा दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल की नाक के नीचे बोर्ड में भ्रष्टाचार हो रहा है। उनके बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद से इसका घाटा बढ़ा है। टेंकर माफिया का बोलबाला है। टैंकर माफिया का साथ देने के लिए टैंकरों को जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिग सिस्टम) से नहीं जोड़ा जा रहा है। निजी स्कूलों को वर्षा जल संचयन से संबंधित अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने उपराज्यपाल से जल बोर्ड में हो रहे भ्रष्टाचार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से जांच कराने की मांग की है। वह प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड में अनियमितता का आरोप लगाया है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री तथा दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल की नाक के नीचे बोर्ड में भ्रष्टाचार हो रहा है। उनके बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद से इसका घाटा बढ़ा है। टैंकर माफिया का बोलबाला है। टैंकर माफिया का साथ देने के लिए टैंकरों को जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिग सिस्टम) से नहीं जोड़ा जा रहा है। निजी स्कूलों को वर्षा जल संचयन से संबंधित अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने उपराज्यपाल से जल बोर्ड में हो रहे भ्रष्टाचार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से जांच कराने की मांग की है। वह प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के घोषणापत्र में सभी को पानी आपूर्ति को लेकर किए गए वादे पूरे नहीं हुए। गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की समस्या बढ़ेगी। अनधिकृत व पुनर्वास कॉलोनियों, ग्रामीण इलाके और दूरदराज के क्षेत्रों में ज्यादा दिक्कत होगी। जल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 47 फीसद पानी उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचता है। यह अत्यंत गंभीर मामला है। टैंकर माफिया की वजह से यह स्थिति है। उन्होंने फर्जी बिलों के आधार पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का भी आरोप लगाया है। कहा कि पीतमपुरा स्थित अधिशासी अभियंता के कार्यालय में पांच करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जल आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए विदेशों से मिलने वाली राशि का भी उपयोग नहीं किया जा सका। एशियन विकास बैंक ने इस काम के लिए बोर्ड को 22 सौ करोड़ रुपये तथा जापान की एक एजेंसी ने चंद्रावल जल शोधन संयंत्र के लिए दो हजार करोड़ रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की थी जिसका सदुपयोग नहीं हुआ।