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कामगारों की कमी से रुक रहे निर्माण कार्य

लाकडाउन में छूट के बाद छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू हो गया है लेकिन कामगारों की कमी से निर्माण कार्य को गति नहीं मिल रही है। कामगारों की कमी की वजह से इलाके में विभिन्न परियोजनाओं से जुड़ी कंपनियों के कार्यालय में तैनात 30 फीसद तैनात कर्मियों के पास करने को भी कुछ भी नहीं रह गया। अनिश्चितता के माहौल से सभी निकलना चाहते हैं लेकिन इन कंपनियों के पास सिवाय इंतजार के कुछ नहीं रह गया है। कंपनी से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि कामगार मिलने शुरू भी हुए तो निर्माण कार्यों की रफ्तार पकड़ने में दो से तीन माह लगने तय हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 10:45 PM (IST)
कामगारों की कमी से रुक रहे निर्माण कार्य

बिरंचि सिंह, पश्चिमी दिल्ली लॉकडाउन में छूट के बाद राजधानी में परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, लेकिन कामगारों की कमी से निर्माण कार्य को गति नहीं मिल रही है। कामगारों की कमी की वजह से इलाके में विभिन्न परियोजनाओं से जुड़ी कंपनियों के कार्यालय में तैनात 30 फीसद तैनात कर्मियों के पास करने को भी कुछ भी नहीं रह गया। अनिश्चितता के माहौल से सभी निकलना चाहते हैं, लेकिन इन कंपनियों के पास सिवाय इंतजार के कुछ नहीं रह गया है। कंपनी से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि कामगार मिलने शुरू भी हुए तो निर्माण कार्यो की रफ्तार पकड़ने में दो से तीन माह लगने तय हैं। इसमें मुख्य रुप से द्वारका डिप्लोमेटिक एंक्लेव, द्वारका एक्सप्रेस-वे व टोल प्लाजा व एक्सप्रेस-वे को चौड़ी करने की योजना के तहत पेड़ों का ट्रांसप्लांट करने की योजना शामिल है। द्वारका में डिप्लोमेटिक एंक्लेव के निर्माण कार्य में लार्सन एंड टूब्रो जुटी है तो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तहत जे कुमार कंपनी काम काम कर रही है। जे कुमार कंपनी के पास महिपालपुर शिवमू‌र््ित, द्वारका से लेकर हरियाणा बार्डर तक राजमार्ग के किनारे से पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की जिम्मेदारी है। कामगारों की कमी से यह काम भी शुरू नहीं कराया जा सका। इन कंपनियों के तहत निर्माण कार्य में क्रमश : तीन व दो हजार कामगार जुड़े हुए थे। लॉकडाउन के दौरान अधिकांश कामगार काम छूटने के बाद गांवों की ओर लौट गए। अब दस फीसद कामगारों से काम चलाना पड़ रहा है।

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दैनिक जागरण से बातचीत में जे कुमार कंपनी के अधिकारी ओएस सिरोही का कहना है कि द्वारका एक्सप्रेस वे पर टोल प्लाजा का निर्माण कार्य चल रहा है। साथ में पेड़ों के ट्रांसप्लांटेशन का भी काम चल रहा था। लॉकडाउन से पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश के तहत निर्माण का काम रोकना पड़ा था। लॉकडाउन से पहले जिन पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया गया था, उनको पानी देने के लिए कामगार नहीं मिले। जिन पेड़ों में कोपलें निकल आई थी, वे पेड़ भी सुख गए। जिन पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने के लिए तैयार किया गया था और छंटाई की गई थी उन्हें ट्रांसप्लांट करने के लिए फिर से तैयार करना होगा। लेकिन कामगारों की कमी की वजह से यह कार्य भी धीमा पड़ा हुआ है।


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