अनुदान जारी नहीं होने के कारण आई कॉलेज की बिजली-पानी कटने की नौबत
मई माह से वेतन नहीं मिलने के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विभिन्न कॉलेजों के आठ शिक्षकों की याचिका पर डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। शिक्षकों का वेतन नहीं जारी करने का कारण बताते हुए कॉलेज
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली
मई से वेतन नहीं मिलने के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विभिन्न कॉलेजों के आठ शिक्षकों की याचिका पर डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। शिक्षकों का वेतन नहीं जारी करने का कारण बताते हुए कॉलेज ने कहा कि वेतन भुगतान और पेंशन समेत अन्य खर्च के लिए कॉलेज दिल्ली सरकार के अनुदान पर निर्भर है। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2020-21 में 17.89 करोड़ रुपये के अनुदान के सापेक्ष सितंबर 2020 तक 12.89 करोड़ रुपये ही जारी किया है। यही वजह है कि अगस्त और सितंबर के वेतन के साथ बिजली-पानी के बिल समेत अन्य अनिवार्य कार्यो का भुगतान नहीं किया जा सका है।
कॉलेज ने दावा किया कि पर्याप्त अनुदान नहीं मिलने के कारण शिक्षकों के वेतन के संकट के साथ ही अब तो कॉलेज की बिजली और पानी का कनेक्शन कटने की नौबत आ चुकी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई पत्र लिखे गए हैं। कॉलेज ने कहा कि दिल्ली सरकार को बकाया पांच करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया जाए ताकि अगस्त और सितंबर के वेतन का भुगतान किया जा सके। याचिकाकर्ता ने कहा था कि 12 कॉलेजों में लगभग 15,00 के आसपास शिक्षक कर्मचारी एवं अन्य कार्यरत है। वेतन नहीं मिलने के कारण उनके सामने भुखमरी जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन नहीं देना उनके मौलिक अधिकार का हनन है। दिल्ली सरकार के सभी कॉलेज डीयू से संबंद्ध हैं। इनमें आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंसेज फॉर वूमेन एवं शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस, भगिनी निवेदिता कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, अदिति महाविद्यालय वुमंस कॉलेज, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, केशव महाविद्यालय शामिल हैं।